Wardha News: कर्मियों ने किया भजन आंदोलन, तीसरे दिन स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ाई

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वर्धा. राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के ठेका अधिकारी, कर्मियो ने आयटक के नेतृत्व में बेमियादी कामबंद आंदोलन शुरू कर दिया है.  स्थानीय जिला परिषद के समक्ष तीसरे दिन कर्मियों ने भजन आंदोलन करते हुए मांगों की ओर ध्यानाकर्षण किया. स्वास्थ्य कर्मचारियों के आंदोलन के चलते जिले की स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ा गई है. राज्य में करीब 35 हजार ठेका पद्धति से अधिकारी व कर्मचारी कार्यरत है.

पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य विभाग में हजारों पद रिक्त पड़े है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की संपूर्ण जिम्मेदारी ठेका कर्मचारियों पर ही है. लेकिन वेतनवृद्धि व अन्य समस्याएं दूर नहीं हो रही. ऐसे में न्यायपूर्ण मांगों को लेकर सभी के बेमियादी हड़ताल पर जाने के कारण स्वास्थ्य सेवा लड़खड़ा गई है. ओड़िशा, राजस्थान, पंजाब, मणिपुर, मेघालय, झारखंड, आंध्रप्रदेश आदि राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के अंतर्गत ठेका कर्मियों को विविध विभाग के रिक्त पदों में शामिल कर लिया गया है. वहीं मध्यप्रदेश में उन्हें सरकारी कर्मियों की तरह वेतन आयोग लागू किया गया है.

ठेका कर्मियों में रोष का वातावरण बना है

कई वर्षों से महाराष्ट्र में उपरोक्त मांग की जा रही है. परंतु, सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है. इससे ठेका कर्मचारियों में रोष व्याप्त है.  तीसरे दिन भजन आंदोलन का नेतृत्व संगीता रेवडे, डा. वीणा वासनिक, डा. अविनाश गणवीर, डा. हेमंत खरासे, डा. टेंभेकर, डा. रविकांत चौधरी, डा. भारती पारधी, राजेश मोहदूरे, हनुमंत कांबले, संदीप नारीकर, अर्चना भुरे, भारती मून, शम्मा खान, सुशील राऊत, निखिल गायकवाड, मनोज वरभे, काजल पाटिल, पुनम इंगले ने विचार व्यक्त किया.