Woman Farmer Kusum

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वर्धा. बचपन गांव में गुजरा, खेती के साथ रुबरू हुई और इस दौरान खेती के गुर कुसुम ने माता पिता से सिखे. शिक्षा के साथ खेती के कार्य में हात बटाना उसने शुरू किया. आठवी कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद कुसुम शिक्षा से दूर हुई. 1990 में विवाह होने के बाद खेती में कुछ नया करने का अवसर उसे मिला. इसी अवसर का लाभ उठाकर उसने खेती को समृद्धि की नई राह पर ले जाकर सफलता प्राप्त की है़  उसके कार्य की सरकार ने भी दखल ली. कुसूम प्रमोद झाड़े को सरकार ने जीजामाता कृषि भूषण पुरस्कार से सनमनित किया. कुसुम ने अपना कर्तत्व सिद्ध कर महिलाओं के सामने नई मिसाल पेश की है.

कुसुम झाड़े का मायका व ससुराल सिंदी (रेल्वे) हैं. कुसूम के पिता पास असिंचित खेत है. कम जमीन में उसके परिवार को भरण पोषण करना कठिन था. जिससे उसके पिता कुछ नया करते थे. खेती व्यवसाय से कुसूम बचपन से जुड़ गई. परिणामवश खेती संबंधी सभी जानकारियां उसे बचपन से मिलने लगी. प्रमोद झाड़े के साथ उसका विवाह हुआ. पति के पास भी खेती व्यवसाय था. विवाह के बाद कुसूम पुन: खेती से जुड़ी. पिता के घर से लिए हुए गुर से उसने पति के साथ साजा करते हुए नया करने की ठान ली. कुसूम गांव की ही कुछ खेती ठेका पद्धति से करने लगी. पालक, सांभार, बैगन, मिरची, टमाटर, भिंडी, गवार, चवलाई, दोड़के, ढेमस, मूली आदि सब्जी फसल का उत्पादन उसने लेना शुरू किया. सब्जी फसल के साथ पारंपारिक फसल के रूप में उसने गेहूं, कपास, सोयाबीन, तुअर आदि की उपज लेती है. खेती की वर्तमन स्थिति को देखते हुए उसने 6 गाय खरीदी. खेती के साथ दुग्ध उत्पादन शुरू किया. तत्पश्चात बकरी व मूर्गी पालन आरंभ कर अपनी आय बढ़ाना शुरू किया. खेती में कुछ नया पन लाते हुए फलबाग लगाकर अच्छा उत्पादन लेना शुरू किया. नई नई तकनीक की जानकारी व उसका ज्ञान लेकर कुसूम ने उसका उपयोग खेत में शुरू कर अपनी अलग पहचान बनाई.

‘जिजामाता कृषि भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित

कृषि में कुछ नया पन को देखकर उसके इस कार्य की दखल सरकार ने भी ली. बीते 32 वर्ष से खेती कर उसमें नयापन करने वाली कुसूम झाड़े को जीजामाता कृषि भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

सिंधुताई सपकाल के साथ किया काम

कुसूम झाड़े के कृषि क्षेत्र कार्य की सराहना करते हुए राज्य सरकार के कृषि विभाग, कृषि तंत्रज्ञान व्यवस्थापन यंत्रणा (आत्मा) के अंतर्गत तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय सेलू द्वारा सर्वोकृष्ट महिला शेतकरी पुरस्कार 2013-14 प्राप्त हुआ है. लाकडाऊन के दौरान स्वंय के खेती की सब्जी ग्राहकों के घर तक पहुंचाने के लिए तत्कालीन पालकमंत्री सुनील केदार, सांसद रामदास तडस के हाथों प्रमाणपत्र देकर सन्मानित किया गया. कुसूम ने सिंदी पुलिस स्टेशन में स्थित चेतना विकास केंद्र का 5 वर्ष उपाध्यक्ष पद संभालकर सामाजिक कार्य किया है. अनाथों की माता सिंधूताई सपकाल के साथ कुछ दिनों तक कुसूम ने कार्य किया है.