Farmers March in Washim

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मानोरा (त.सं). तहसील क्षेत्र में गीला अकाल और फिर सूखा पड़ने के कारण पूरी फसल बर्बाद हो गई और बची हुई फसलें बेमौसम बारिश के कारण नष्ट हो गईं. इस वर्ष के ख़रीफ़ सीज़न में कुछ भी नहीं पका प्रशासन ने 48 पैसे आनेवारी जाहिर की. हालाँकि, इसके बावजूद, राज्य सरकार ने मानोरा तहसील और वाशिम जिले में सूखा घोषित नहीं किया. सरकार के अन्याय के खिलाफ गुस्साए किसानों ने मानोरा तहसील कार्यालय पर धावा बोलते हुए भव्य मोर्चे का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कांग्रेस के देवानंद पवार ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा अगर शिंदे, फड़णवीस और अजीत पवार किसानों के साथ बेईमानी करेंगे तो वे तीघाड़ी सरकार पर हमला बोलेंगे.

कांग्रेस द्वारा शुरू किए गए किसानों के इस सोटा मोर्चे में मानोरा तहसील के महाविकास आघाड़ी के सभी घटक दलों ने भाग लिया. यह मोर्चा 31 जनवरी की दोपहर पंचायत समिति कार्यालय से शुरू होकर तहसील कार्यालय परिसर पहुंचा. हाथों में सोटे लेकर गुस्साए किसानों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारे लगाये.

किसानों को कोई सूखा बेमौसम मदद नहीं मिली है और कोई फसल बीमा नहीं मिला है, दिन में बिजली आपूर्ति बाधित रहती है, रात में किसानों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है और पूरी रात फसलों को पानी देना पड़ता है, खेतों में जंगली सूअर पूरी फैसले बर्बाद कर रही है. इन सभी बातों का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. सरकार ने इन सभी समस्या की ओर जल्द से जल्द ध्यान देकर समस्याओं का निराकरण करने की मांग देवानंद पवार के साथ किसानों ने की.

सरकार प्रति हेक्टेयर दे सहायता

पवार ने कहा कि सोयाबीन के लिए 50,000 रुपये और कपास के लिए 75,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता, प्रभावितों को फसल बीमा, किसानों की ऋण माफी, बेघरों को मकान के लिए जमीन का पट्टा दिया जाए. इस मौके पर पूर्व मंत्री संजय देशमुख, अनंत कुमार पाटिल ने भी सरकार पर हमला बोला, विधायक अमित झनक, शिवसेना के अनिल राठौड़, अरविंद पाटिल, बाबुसिंह नाइक ने भी किसानों का खर्च बढ़ाने को लेकर सरकार पर हमला बोला. बलदेव महाराज, दिलीप सरनाईक, डॉ. संजय रोठे, गजानन अमदावकर, रवींद्र पवार, कांशीराम राठोड़, नंदा गायडे, इफ्तिखार पटेल, गजानन राठोड़, अमोल तरोडकर, महेश जाधव सहित अन्य पदाधिकारी, कार्यकर्ता, किसान, बेरोजगार युवा आदि उपस्थित थे.