tree plant

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    वाशिम. पौधारोपण यह समय की आवश्यकता होकर बड़े प्रमाण में पौधारोपण करने की आवश्यकता है़  जंगल यह पर्यावरण संतुलन के लिए और मनुष्य की विभिन्न आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए महत्वपूर्ण है़  इसी प्रकार शुद्ध वायु की उपयुक्तता के कारण वनों के निर्माण के लिए विभिन्न अंगों को मनुष्य के दैनिक जीवन से जोड़ा गया है. जिसके कारण वनों का निर्माण, वन संरक्षण और वन संवर्धन के लिए विशेष महत्व रखता है. लेकिन देखा गया है कि पोषण के अभाव में कई पेड़ विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गये हैं और पौधारोपण की मुहिम धीमी पड़ गयी है.

    इस बीच पौधारोपण अभियान की गति धीमी होने के साथ ही पौधारोपण के कार्य में तेजी लाने की बात कही जा रही है. वन नीति के अनुसार कुल भौगोलिक क्षेत्र का 33 प्रतिशत भाग वृक्षों से आच्छादित होना आवश्यक है. लेकिन राज्य में यह प्रमाण 20 प्रतिशत है. इसलिए नागरिकों को पौधारोपण मुहिम में शामिल कर वृक्षों से आच्छादित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सरकारी स्तर पर बड़े प्रमाण में पौधारोपण और वृक्ष संवर्धन मुहिम को हाथ में लेने की आवश्यकता है. वनों में भूमि, पौधों, पेड़ों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों का प्रभुत्व है. वन के घटक एक दूसरे के पूरक हैं. जो जीवों के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. इन में से किसी भी घटक में बदलाव होने पर पर्यावरण की श्रृखंला लड़खडा जाती है़  

    संकेत स्थल उपलब्ध

    पौधारोपण इस के साथ वृक्षों के पोषण में नागरिकों का सहभाग बढाने के लिए अधिकृत संकेतस्थल पर पंजिकरण करने की सुविधा उपलब्ध करायी गई है़  जन संवाद व्दारा वन्यजीव व वन रक्षण के लिए हॅलो फॉरेस्ट सेवा उपलब्ध है़  विविध योजनाओं के माध्यम से वन संवर्धन और संरक्षण किया जा रहा है़ सरकार के इस प्रयास में अनेक सेवाभावी संस्थाओं का सहभाग बढाने केलिए प्रामाणिक प्रयास किए जा रहे है. सरकारी कार्यालय के परिसर में, ग्रामीण भागों की खुली जगहों पर, सार्वजनिक स्थानों पर, मंदिर, देवालय के परिसर में नागरिकों को पौधारोपण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है़  

    वृक्षों का महत्त्व समझकर नागरिकों को योगदान देना जरूरी

    इसी प्रकार से वृक्ष संवर्धन के महत्त्व से नागरिकों को अवगत कराके इस कार्य में जनसहभाग बढाने के लिए सभी ने प्रयास करना आवश्यक है़  सरकार भी डिजिटल तकनिक का उपयोग करके वृक्ष संवर्धन पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है़  सरकार ने अपनी जिम्मेदारी समझकर यह उपक्रम शुरु किया है़  लेकिन शाश्वत विकास तथा पर्यावरण के लिए वृक्षों का महत्त्व समझकर नागरिकों ने अपना योगदान इस में देना महत्वपूर्ण साबित होगा़