सास की हत्या प्रकरण मे दामाद समेत 4 को उम्रकैद

वाशिम. पत्नी को ससुराल भेजने से इन्कार करने पर गुस्साए दामाद ने व उसके रिश्तदारों द्वारा मारपीट किए जाने में सास की मौत हो गई थी व दो गंभीर रूप से घायल होने के प्रकरण में जिला व सत्र न्यायाधीश आर

Loading

वाशिम. पत्नी को ससुराल भेजने से इन्कार करने पर गुस्साए दामाद ने व उसके रिश्तदारों द्वारा मारपीट किए जाने में सास की मौत हो गई थी व दो गंभीर रूप से घायल होने के प्रकरण में जिला व सत्र न्यायाधीश आर व्ही जटाले ने फौजी दामाद समेत चार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.

प्रकरण में तहसील के अनसींग में 21 मार्च 2014 को सुबह साढ़े दस बजे के दरम्यान सैन्यदल में कार्यरत आरोपी सुधाकर विश्वास नवघरे 28 वर्ष, विश्वास यशवंत नवघरे , 45 वर्ष ,संदीप विश्वास नवघरे 25 वर्ष व लीला विश्वस नवघरे 43 वर्ष इन चारों ने मिलकर लक्ष्मण कालापाड, नंदाबाई कालापाड तथा उनकी पुत्री काजोल पर कत्ते से जानलेवा हमला किया. इस हमले में नंदाबाई की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी तथा लक्ष्मण व उसकी पुत्री काजोल भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए थी.

पुत्री को भेजने से किया था इंकार
इस घटना की शिकायत ब्रम्हा ग्राम निवासी आरोपी फौजी सुधाकर नवघरे की पत्नी काजोल ने अनसींग पुलिस में की थी. जिस के आधार पर अनसींग पुलिस ने धारा 307,302 ,504 व 109 के तहत मामला दर्ज किया था. काजोल की शिकायत नुसार दि़ 18 दिसबंर 2012 को उनका विवाह उसके सगे मामा ब्रम्हा निवासी आरोपी विश्वास नवघरे के पुत्र सुधाकर नवघरे के साथ हुआ था. विवाह के समय कजोल की उम्र कम होने से विवाह के बाद भी वह अपने माता पिता के साथ ही रह रही थी. मार्च 2014 में आरोपी सुधाकर के काका मुरलीधर के पुत्र का विवाह होने से फौजी सुधाकर अवकाश पर आया था वह अपनी पत्नी काजोल को लेने ससुराल पंहुचा़ लेकिन सास ससुर ने 10 वी की परीक्षा देने के कारण काजोल को उसके साथ भेजने से मना कर दिया.

काजोल को नहीं भेजने से क्रोधित फौजी सुधाकर ने गाली गलोज कर झगड़ा किया. बाद में 20 मार्च 2014 को भी आरोपी ने 3 से 4 लोगो के साथ अनसींग आकर काजोल व उसके भाई से मारपीट की़ इसी प्रकार से 21 मार्च 2014 को सुबह 10 बजे सभी चारों आरोपी अनसींग आए व लक्ष्मण कालापाड के घर के सामने खड़े होकर गाली गलोज करने लगे. जिसे सुनकर काजोल के मातापिता ने घर के बाहर आकर अपनी पुत्री काजोल को भेजने से साफ इन्कार किया. इससे क्रोधित होकर फौजी सुधाकर ने अपनी बैग से कत्ता निकाला व काजोल की माता नंदाबाई, लक्ष्मण कालापाड व काजोल पर जानलेवा हमला किया.

इस हमले में नंदाबाई की घटना स्थल पर ही मौत हो गई़ ससुर लक्ष्मण भी गंभीर रुप से घायल हो गया. इस प्रकरण की जांच अनसींग पुलिस ने पूर्ण कर मामला न्यायप्राप्ति के लिए वाशिम जिला व सत्र न्यायालय में प्रविष्ठ किया़ प्रकरण में प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश जटाले ने प्राप्त सबूतों के आधार पर चारों आरोपियों को धारा 302 के तहत उम्रकैद व 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. मामले में सरकार की ओर से एड विनोद फाटे ने पैरवी की.