मार्ग बना जानलेवा, संबंधित विभाग का उदासीन रवैया

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    • दुपहिया व तीन पहिया वाहनों पर सफर करना बनी चुनौती

    आसेगांव. आसेगांव से मंगरुलपीर तथा अनसिंग जाने वाला प्रमुख मार्ग वर्तमान में अपनी बदहाल अवस्था पर आंसु बहा रहा है. फालेगांव चौराहे से लेकर कुंभी के शिवार तक मार्ग 13 किलोमीटर का है. जिस पर वाहन चलाना विशेषकर दुपहिया व तीन पहिया वाहन चालकों के लिए चुनौती पूर्ण साबित होने लगा है. उक्त मार्ग की अवस्था बीते एक वर्ष से खराब हो गई है.

    जिस ओर सभी अनदेखी करने का नजारा दिखाई दे रहा है. संबंधित सार्वजनिक निर्माणकार्य विभाग की भूमिका को इस मार्ग की खराब अवस्था को लेकर अब तक संदेहास्पद नजर आने लगी. जिस कारण क्षेत्र में जनता द्वारा तर्क वितर्क की चर्चाओं का दौर शुरू है. 

    बदहाल अवस्था वाला मार्ग बीते एक वर्ष पूर्व से सड़क दुर्घटनाओं का हॉट स्पॉट बन गया. आए दिन कोई ना कोई छोटी बड़ी सड़क दुर्घटनाएं मार्ग पर घटित होती है. अनेकों दुपहिया वाहनों से गिरकर महिलाएं घायल तक होने की बात सूत्रों द्वारा प्राप्त हुई है. मार्ग वर्तमान समय में इतनी खराब अवस्था में पहुंच गया है कि मार्ग को देखकर हर कोई शासन के लापरवाही को कोसने लगा है.

    एक ओर शहरों के डेवलपमेंट के लिए हजारों करोड़ रुपए खर्च कर केंद्र सरकार सड़कों का निर्माण कर अपनी कामयाबी का ढिंडोरा पीट रही है. लेकिन ग्रामीण इलाकों की प्रमुख सड़कें शासन की पोल खोलने लगी है. खराब मार्ग की बदहाली से मरीजों को भी दिक्कतें पेश आने के कारण मरीज भी प्रशासन को कोसने लगे है. किंतु फिर भी अब तक सड़क नवनिर्माण करने के लिए संबंधित विभाग द्वारा पहल ना करना शासन की लापरवाही को दर्शा रहा है.

    मार्ग की खराब अवस्था परेशानी का सबब 

    13 किलोमीटर का पूरा मार्ग गड्ढों में तब्दील होने से वाहनों में बैठकर सफर करने वाले यात्री भी त्रस्त होकर शासन को कोसते है. इतना ही नहीं कोई भी वाहन हो हर किसी को इस मार्ग पर वाहन चलाने के लिए लोहे के चने चबाने जैसी स्थिति से गुजरना पड़ता है. शासन इस मार्ग पर ध्यान केंद्रित कर तत्काल सड़क निर्माण करने की पहल करे. – शेख एजाज, आटो चालक, आसेगांव.

    मार्ग की बदहाली को ध्यान में रखकर सौंपा जाएगा पत्र 

    मार्ग की हालत बेहद खराब होने से इस मार्ग से आवागमन करने वाले सभी लोग त्रस्त है. जनता को किसी प्रकार की कोई परेशानी मार्ग को लेकर आने वाले समय में निर्माण ना हो इस बात को ध्यान में रखकर मार्ग निर्माण करने हेतु संबंधित विभाग के अधीक्षक अभियंता को लिखित पत्र सौंपकर मार्ग निर्माण की मांग की जाएगी. – चंद्रकांत ठाकरे, जिप अध्यक्ष, वाशिम.