आसेगांव डैम दीवार पर लगे वृक्षों से दरार का खतरा, संबंधित जल संधारण विभाग गहरी नींद में

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आसेगांव. आसेगांव डैम दीवार पर लगे वृक्षों से दीवार में दरारें निर्माण होने का खतरा बढ़ गया है. लेकिन संबंधित जल संधारण विभाग इस समस्या को लेकर गहरी नींद में सोया हुआ नजर आता है. जबकि अभी हाल में गुजरा हुआ ग्रीष्मकाल मौसम दीवार पर लगे हुए वृक्षों की कटाई के लिए बेहद खास था. बारिश के इस मौसम में अब उक्त वृक्षों की कटाई करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.

आसेगांव का सिंचाई बांध निर्माण किसानों के खेतों को सिंचाई किए जाने के उद्देश्य से किया गया था. जिसकी देखभाल का संपूर्ण जिम्मा संबंधित जल संधारण विभाग पर है. लेकिन उक्त विभाग के अधिकारी कब और कैसे विजिट देकर देखरेख करते है. इस बात की गवाही दीवार पर लगे बड़े बड़े विविध प्रजाति के वृक्ष ही देने लगे है.

बारिश के मौसम में यदि बारिश सामान्य से उच्च स्तर पर होती है. तो बांध शतप्रतिशत भरने की संभावना रहती है. ऐसे में बड़े वृक्ष की जड़ें डैम की दीवार में दरार डालते हुए किसानों का लाखो रुपए का नुकसान भी हो सकता है. समय रहते यदि वृक्षो को काटा नहीं गया तो खतरे की घंटी या बिगुल बजने के संकेत है. लेकिन डैम पर लगे वृक्षो को काटने के लिए भी संबंधित विभाग को मंजूरी मिलना जरूरी है.

हर वर्ष ऐसी ही रहती है समस्या 

किसानों की माने तो बीते अनेक वर्षों से डैम की दीवारों पर बड़े बड़े वृक्ष लगे हुए है. किंतु संबंधित विभाग इसे लेकर एक्टिव ही नहीं है. इस के अलावा बांध की दीवार के अनेकों हिस्से से दरार गिरने के कारण लाखों लीटर पानी की बर्बादी आए दिन होती रहती है. इस की रोकथाम के लिए वृक्षों का कैसे न कैसे प्रबंध जरूरी बन गया है.