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    • सडक सुरक्षा अभियान के तहत जनजागृति पर पुलिस कर्मचारी दे रहे जोर

    यवतमाल. यातायात और आरटीओ विभाग की ओर से शहर सहित जिलेभर में सडक सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत बाईक रैली  के जरिए पुलिस कर्मचारियों ने स्वयंम हेलमेट पहनकर दुपहिया चलायी और लोगों को हेलमेट पहनकर वाहन चलाने के संबंध में जनजागृति की. इसके अलावा यातायात नियमों का पालन करने का आह्वान भी किया गया. बावजूद इसके पुलिस विभाग की जनजागृति की पहल केवल कागजों पर ही साबित होती दिखाई दे रही है. बीते साल में हेलमेट का उपयोग नहीं करनेवाले 2766 दुपहिया वाहनधारकों पर कार्रवाई की गई. वहीं इस साल भी बिना हेलमेट वाहनधारकों पर कार्रवाई करने के आंकडे बढ सकते है.

    बता दें कि रोजाना जिले में छूटपूट सडक हादसे घटित होते रहते है. इन सडक हादसों में किसी की जान चली जाती है, तो कोई विकलांगता का शिकार हो जाता है. सडक हादसों को रोकने के लिए यातायात विभाग और आरटीओ प्रशासन की ओर से छोटे बडे वाहनधारकों के लिए नियमों की फेहरिस्त लगाकर दी है. बावजूद इसके वाहनधारकों द्वारा यातायात नियमों को ताक पर रखने का काम किया जा रहा है. जिसके चलते सडक हादसों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. यातायात विभाग की ओर से दुपहिया वाहनधारकों को नियमित रूप से हेलमेट का उपयोग करना अनिवार्य किया गया है. बावजूद इसके अधिकांश दुपहियावाहन धारक बगैर हेलमेट के वाहन चलाते हुए नजर आते है. 

    हेलमेट नहीं पहनने वाले 2766 दुपहियाधारकों से वसूला जुर्माना

    जिलेभर में यातायात पुलिस विभाग के कर्मचारियों द्वारा बीते साल हेलमेट नहीं पहननेवाले 2766 दुपहियाधारकों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है. उक्त वाहनधारकों से 11 लाख 5 हजार 300 रुपयों का जुर्माना वसूला गया. इनमें यवतमाल शहर के 422 दुपहिया वाहनधारकों से 2 लाख 11 हजार 500 रुपयों का जुर्माना वसूला गया है. हेलमेट का उपयोग नहीं करनेवाले वाहनधारकों से 1 हजार रुपए चालान भरना पडता है.

    जनजागृति केवल शोपीस

    यातायात विभाग की ओर से प्रतिवर्ष सडक सुरक्षा अभियान चलाया जाता है. लेकिन शुरूआती दिनों में ही सडक सुरक्षा अभियान के तहत की जानेवाली जनजागृति में उत्साह देखने को मिलता है. लेकिन इसके बाद जनजागृति केवल शोपीस नजर आती है. यातायात कर्मचारियों के आंखों के सामने से ही बिनधास्त होकर बिना हेलमेट के दुपहिया धारक गुजर जाते है. लेकिन इस ओर यातायात पुलिस कर्मचारी ध्यान नहीं देते है. 

    सरकारी कार्यालयों में भी हेलमेट को नो

    राज्य सरकार की ओर से सरकारी कार्यालयों में बाहर से आनेवाले लोगों सहित कार्यालयीन कर्मचारियों को दुपहिया से आते समय हेलमेट पहनकर आने की सूचनाएं दी गई है. बावजूद इसके बाहरी लोगों के साथ ही कार्यालयीन कर्मचारियों को हेलमेट से एलर्जी दिखाई दे रही है. इस ओर ध्यान देने की मांग अब जोर पकडने लगी है.