Crop Loan

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    • छत्रपती शिवाजी महाराज सन्मान कर्जमुक्ती योजना
    • नई सरकार की वजह से जागी उम्मीद 

    यवतमाल. भाजपा-शिवसेना गठबंधन के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज सम्मान ऋण माफी योजना में 48 हजार 420 किसान अब कर्जमाफी की उम्मीद कर रहे हैं. जिला उप पंजीयक कार्यालय ने इस संबंध में सरकार से बार-बार पत्र व्यवहार किया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. अब शिंदे समूह की मदद से भाजपा सत्ता में वापस आई है और किसानों की कर्जमाफी की संभावना काफी हद तक बढ गई है.

    छत्रपति शिवाजी महाराज सम्मान ऋण माफी योजना जून 2017 में तत्कालीन भाजपा-शिवसेना गठबंधन के दौरान तय की गई थी. इस योजना के तहत अप्रैल 2009 से 30 जून 2016 के अंत तक 1 लाख 50 हजार रुपये तक की कर्ज माफी और 1 लाख 50 हजार रुपये से अधिक के किसानों के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना लागू की गई थी. वर्ष 2015-16, 2016-17 में नियमित रूप से ऋण चुकाने वाले किसानों को 25 प्रतिशत या 25 हजार रुपये तक का प्रोत्साहन लाभ देने की भी घोषणा की गई थी.

    इसमें जिला मध्यवर्ती बैंक से 2 लाख 21 हजार 867, अन्य बैंकों से 1 लाख 37 हजार 431, ऐसे कुल 3 लाख 59 हजार 298 किसानों की ग्रीन लिस्ट थी. इनमें एक लाख 86 हजार 781 किसान सदस्यों पर डेढ़ लाख रुपये तक का कर्ज था. इसी तरह, 34 हजार 118 नियमित ऋण चुकौती और 9 हजार 935 किसान थे जिन्होंने डेढ़ लाख से अधिक ऋण लिया था.

    अब तक जिला मध्यवर्ती बैंक के 1 लाख 33 हजार 309 किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है, जबकि अन्य बैंकों के 97 हजार 525 किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है. अन्य 48 हजार 420 किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं. कुल कर्जमाफी राशि 385 करोड़ 77 लाख रुपये है. जिला उप पंजीयक कार्यालय ने इस संबंध में सरकार के दरबार से पत्र व्यवहार किया.

    कर्ज का बोझ एक बढ़ती चिंता

    जिले में नौ लाख हेक्टेयर में खरीफ सीजन की खेती की जाती है. साधारणत: साढ़े तीन लाख से ज्यादा किसानों को कर्ज लेकर बुवाई करनी पड़ती है, लेकिन हर बार किसानों को भारी संकट का सामना करना पड़ता है. यह बैंकों से लिए गए कर्ज को चुकाते समय किसानों के सामने तनाव पैदा कर रहा है.

    कर्ज चुका रहे 34 हजार किसान

    लगातार अकाल, प्राकृतिक आपदा से किसान बेहाल हैं. हर साल कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाता है. हालांकि जिले में नियमित कर्जदारों की संख्या 34 हजार 118 है. इसमें राष्ट्रीयकृत, निजी बैंकों के 7 हजार 345 किसान और जिला केंद्रीय बैंक के 26 हजार 773 किसान शामिल हैं.