झरी जामणी. पंस की ओर से झरी जामणी पंचायत समिति के परिसर में विधायक ने समीक्षा सभा ली गई. विधायक संजीवरेड्डी बोदकुरवार ने अध्यक्षता की. समीक्षा बैठक में प्राकृतिक जल किल्लत कही पर भी नहीं होने के बाजवूद अधिकारियों में इच्छाशक्ति का अभाव होने की वजह से जलकिल्लत कृति प्रारूप केवल कगाजों पर होने की वजह से कृत्रिम जलकिल्लत का मुद्दा के जोरों से चर्चा हुई.
15 दिनों का दिया अल्टीमेटम
जलकिल्लत को लेकर अब तक कोई भी उपाय योजना नहीं करने की वजह से विधायक ने अधिकारियों को कड़ी सूचना देकर हड़काया और 15 दिनों में उपाययोजना करने का आदेश दिया. समीक्षा सभा की विधायक संजीवरेड्डी बोदकुरवार ने की. झरी पंचायत समिति के पूर्व सभापति राजेश्वर गोंड्रावार, तहसील भाजपाध्यक्ष सतीश नाकले, मोरेश्वर सरोदे, दिनकर पावडे, तहसीलदार गिरीश जोशी, गुट विकास अधिकारी रवींद्र सांगले, कृषि अधिकारी अमोल आमले, नगराधिकारी महेश रामगुंडे, मुकुटबन के थानेदार अजित जाधव, पाटण के थानेदार संदीप पाटिल, मुन्ना बोल्लेनवार, सुरेश मानकर मंच पर उपस्थित थे. साथ ही सभी सरपंच, ग्रामसचिव समेत सभी विभाग के कर्मचारी, अधिकारी, पदधिकारी व सामजिक कार्यकर्ता भी इस जलकिल्लत प्रारूप सभा में उपस्थित थे. संजीवरेड्डी बोदकुरवार के हाथों से संत गाड़गेबाबा की प्रतिमा को माल्यार्पण कर राष्ट्रगीत व स्वागत गीत के बाद महाआवास अभियान अंतर्गत जिस ग्रापं ने विविध क्षेत्र में अच्छा काम किया है. सरपंच व सचिवों का सम्मान किया.
अधिकारियों का उदासीन रवैया
सावली (भेंडाला), भीमनाला, खडकडोह, वल्हासा, दाभा, दिग्रस, लिंगटी, निमणी, मांडवा, मांगली, बैलमपुर, झमकोला, वठोली में प्राकृतिक जलकिल्लत नहीं है, बल्कि अधिकारियों की इच्छाशक्ति का अभाव के साथ ग्राम सचिव का भी नियोजन कृति में नहीं होने की वजह से इस गांव की कृति प्रारूप केवल कागजों पर होने की वजह से इस गांवों को कृत्रिम जल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.
गर्मी में समस्या का करना पड़ता है सामना
निंबादेवी, मुलगव्हाण, कमलवेल्ली, बंदी वाढोणा, एदलापुर, उमरी, अर्धवन इस गांव में अप्रैल व मई में जल किल्लत का सामना करना पडता है, इसके लिए अभी से ही कृति प्रारूप तैयार कर उपाय योजना तैयार करने के आदेश विधायन ने दिए है. तहसील के सभी गाव के जल विषयी उपय योजना क्या कर सकेगें इसके संदर्भ में बैठक में चर्चा की गई.
तत्काल होगा समस्या का निपटारा
सभा में सभी विभाग के कर्मचारी, अधिकारी नागरिकों के समस्या का हल करने उपस्थित थे. समस्या का तत्काल हल किया जाता था. साथ ही समाधन जबाब नहीं मिलने पर उपाय योजना करने के लिए सूचना दी जाती थी. साथ ही समस्या का हल नहीं हुआ तो मिलकर शिकायत करें मैं आपके साथ हुई. ऐसा आश्वासन इस सभा में दिया. इस वजह से यह सभा ऐतिहासिक हुई.
हितेश उर्फ छोटू राऊत (सरपंच अहेरअल्ली)