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यवतमाल. दो दिनों पहले स्थानीय टिलकवाडी परिसर में स्थित नीजी अस्पताल में इलाज ले रहा एक मरिज कोरोना पाजिटिव आयाहै. जिससे सतर्कता के रूप में इस अस्पताल केसभी कर्मियों को क्वारंटाइन किया गया. लेकिन इन्हे लेने आयी एम्बुलंस अस्पताल के सामने न रख 300 मीटर दूर रखी गई. जिससे इन कर्मियों को पैदल चलकर एम्बुलंस में बैठना पडा. इस मामले से स्थानिय नागरिकों में रोष निर्माण हुआ और उन्होने इसे विरोध किया. किसी ने भी इस ओर ध्यान नही देने से आखिर जिलाधिकारी से शिकायत की गई.

टिलकवाडी परिसर में स्थित अस्पताल में एक मरिज की तबीयत अत्यवस्थ होने से उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया. यहा उसकी कोरोना जांच की गई. उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आयी. जिससे यह अस्पताल बंद किया गया था. साथही वह मरिज जहा रहता है वह गुरुदेव नगर का क्षेत्र भी प्रतिबंधित किया गया है. इसके बाद  प्रशासन ने अब इस मरिज के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटाइन करना शुरू किया. इसमें उक्त नीजी अस्पताल के कर्मियों को लेने के लिए आयी एम्बुलंस अस्पताल के सामने न रख यहा से 250 से 300 मीटर की दुरी पर बापट चौक में रखी गई. जिससे अस्पताल के सभी कर्मियों को पैदल चलकर एम्बुलंस तक जाना पडा.

इस क्षेत्र में छोटे बच्चों के अस्पताल है. यहा से कोरोना संदिग्ध को पैदल ले गए, यहा कोरोना संक्रमन का खतरा निर्माण हो सकता है. इसे स्थानीय नागरिकों ने विरोध किया लेकिन उलटा उन्हे ही डाटा गया. इस मामले की जांच कर संबंधितों पर कार्रवाई करने की मांग जिलाधिकारी को सौपे गए ज्ञापन में की गई. इस समय प्रभाग 17 के पार्षद चंद्रशेखर चौधरी, जगदीश टोम्पे, गोकुल कोकेवार, प्रद्युम्न जवलेकर, सनी गुल्हाने, प्रशांत काले, जयंत डाखोरे, राहूल मावले, श्याम जवलेकर आदी उपस्थित थे.