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    यवतमाल. जिले में अंगणवाडीयों में कार्यरत कर्मचारीयों और सहायक महिलाओं ने अपनी विभीन्न मांगों को लेकर यवततमाल में मोर्चा निकालकर सरकार का ध्यान खिंचा.राज्य सरकार द्वारा अंगणवाडी कर्मचारीयों और सहायक महिलाओं को सरकारी स्तर पर उचित मानधन तक नही दिया जा रहा है, तो दुसरी ओर उन्हे पेंशन की कोई गैरंटी सरकार ने नही दी है.जिससे जिले में अंगणवाडीयों में कार्यरत कर्मचारी, सहायकों को काफी कठीनाईयों का सामना करना पड रहा है.

    सरकार उनके मानधन और पेंशन की मांग पर गंभीरता नही दिखा रही है.तो दुसरी ओर पोष आहार ट्रैकर एप् मराठी में देने के हायकोर्ट के आदेश है, लेकिन सभी सुपरवायजर के जरीए अंगणवाडी सेविकाओं को पोषण ट्रैक के लिए बनें अंगरेजी एप्प पर जानकारी भरने की सख्ती बरती जा रही है, इसके अलावा सीबीई कार्यक्रम के पैसे समय पर नही आ रहे है, जिससे उन्हे खुद के खर्च से यह कार्यक्रम चलाने पड रहे है, सुपरवायजर द्वारा हर समय उन्हे तकलीफें दे रहे है, उनकी शिकातय करने पर सरकारी स्तर पर उलटे सेविकाओं और शिकायतकर्ताओं की उलटी जांच की जा रही है,इसे लेकर भी अंगणवाडी सेविकाओं में रोष व्याप्त है.

    इसके खिलाफ 30 सितंबर को अंगणवाडी सेविकाओं ने मोर्चा निकाला,अंगणवाडीयां सुबह के सत्र में चलाने के बाद दोपहर में निकले इस मोर्चे में बडी संख्या में सेविकाएं और मददगार महिलाएं मोर्चे में शामिल हुई.शहर के विभीन्न मांगों से गुजरकर मोर्चा जिलाधिकारी पहूंचा जहां पर जिलाधिकारी, को मांगों से जुडा ज्ञापन दिया गया.

    मोर्चे का नेतृत्व अंगणवाडी सेविका संगठना के पदाधिकारी अशोक भुतडा ने किया, नंदा सुतरकर,श्रुती भगत, साधना पुडके, हर्षदा काकडे, करुण गायकवाड, दिपमाला जिभकाटे, नर्मदा गेडाम, रंजना ठेंगरी, मंदा चव्हाण, उज्वला गणवीर, बेबी चिकटे, उमा वानखेडे, हर्षा नगराले, कांता मेंढे, कविता पातालबंसी,शांलु चव्हाण,अंजली सुरजुसे, यमुना आत्राम, प्रमिला जाधव, शितल चव्हाण समेत सैंकडों अंगणवाडी कर्मचारी, सहायक महिलाएं बडी संख्या में शामिल हुई.

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    ज्ञापन में कहा गया है की घटीया मोबाईल बदलकर देने के लिए मार्च 2022 में सरकार ने 100 करोड रुपयों का प्रावधान किया, लेकिन पांच माह बितने पर भी नए मोबाईल नही दिए गए है, राज्य में 4500 अंगणवाडी कर्मचारी निवृत्ती वेतन की प्रतिक्षा कर रहे है, इनमें अब तक 1200 लोग स्वर्गवासी हो चुके है, सराकर ने 29 मार्च 2022 को सेवासमाप्ती लाभ के लिए 100 करोड निधी महिला तथा बालक्लयाण विभाग के जरीए आयुर्विमा महामंडल को दी, लेकिन पांच माह बितने पर भी किसी को भी पेंशन वेतन नही दिया येा है, यह पैसे कहां रुके इसकी पुरी जांच की जाए, पोष आहार की राशि में 25 रुपए तक बढत करें, अमृत आहार योजना 35 रुपयों से बढाकर 60 रुपए की जाएं, सुप्रिम कोर्ट ने अंगणवाडी कर्मचारीयों कों श्रमिक मानने से उनके मानधन को 12 हजार करें, अंतरीम बढोत्तरी और पेंशन ग्रैच्युटी दें इन मांगों को जिलाधिकारी के जरीए भेजे ज्ञापन में सरकार के सामने रखा गया है.