कमिश्नर डॉ.दिलीप पांढरपट्टे पहुंचे ढाणकी, बिटरगाव के बाढग्रस्त ईलाकों में

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    यवतमाल. बित दो सप्ताह से अतिवृष्टी और बारिश के कारण किसानों की फसलों और नागरिकों के मकानों को काफी नुकसान पहूंचा है.अतिवृष्टी के कारण ढाणकी बिटरगांव परिसर में नदीयों में बाढ आने से वह लबालब होकर बह रही है,जबकी बाढ का पानी पुलों से बहने के कारण गांवों का संपर्क टुट चुका है.

    अनेक गांव बाढ के पानी में घीर गए,ढाणकी, बिटरगांव रास्ते पर अनेक पुल बारिश के कारण ढह गए है, इस बाढ परिस्थिती से बाधित हुए ईलाके का आज 30 जुलाई की शाम अमरावती संभाग के आयुक्त डा.दिलीप पांढरपट्टे ने जायजा लिया.इस समय उनके साथ जिलाधिकारी अमोल येडगे,उमरखेड उपविभाग के एसडीओ व्यंकट राठोड,उमरखेड के तहसीलदार आनंद देवुलगांवकर,उमरखेड पं.स.के बीडीओ प्रविण कुमार वानखेडे ,ढाणकी मंडल अधिकारी सचिन फटाले,पटवारी डोंगरे,पटवारी शिवनकर, और ढाणकी बिटरगांव मंडल के कृषी सहायक मौजुद थे.

    11 से 13 जुलाई के दौरान अतिवृष्टी में ढाणकी,बिटरगांव रास्ते से बहनेवाले आट्री के नाले पर बाढ के कारण नदी नालों के तटों के किसानों के खेतों की जमिन बडे पैमाने पर बह गयी, इसके अलावा निचले ईलाकों में पानी जम जाने से फसल का काफी नुकसान हुआ.इस प्राकृतिक आपदा के कारण क्षेत्र के किसानों में हताशा छायी हुई है.

    इसी बीच परिस्थिती का जायजा लेने के लिए 13 जुलाई को जिलाधिकारी येडगे ने वहां पहूंचकर आट्री के नाले पर आयी बाढ का जायजा लेकर नुकसान देखते हुए किसानों की समस्याएं जानी थी,उन्होने उमरखेड के तहसीलदार आनंद देवुलगांवकर को सुचा देकर बाधित किसानों के खेतों में जाकर नुकसान पंचनामा करने के आदेश दिए थे, लेकिन इसके बावजुद राजस्व विभाग की यंत्रणा ने अब भी अनेक ठिकानों के पंचनामे नही किए है.

    जिससे आज इस परिसर में पहूंचे संभागीय आयुक्त के सामने किसानों नें नुकसान पंचनामा न होने पर नाराजी जतायी, उसी तरह हर वर्ष इस पुल के बाढ के कारण किसानों को इसका नुकसान उठाना पड रहा है, जिससे इस पुल की उंचाई बढाने की मांग आयुक्त से की गयी, बिटरगांव के निकट नाले पर पुल अतिवृष्टी और बाढ के कारण ढह जाने से नागरिकों को इससे आवाजाही करना संकट से भरा कार्य हो चुका है, जिससे पुल का निर्माण और मरम्मत करें, बिटरगांव का रास्ता खराब हो जाने से इस ओर कारवाई करने की मांग आयुक्त से की गयी.