किसान संकट में : अरहर के उत्पाद में कमी, खेती की लागत भी निकालना मुश्किल

    Loading

    • मारेगांव तहसील में अरहर की कटाई हो गई शुरू 

    मारेगांव . तहसील में अरहर की कटाई शुरू हो गई है. अरहर की उपज कम हो रही है और उत्पादन में भारी गिरावट आई है. रकबे में एक बोरी उपज मिल रही है. नतीजतन, किसानों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और खर्च किए गए खर्चों को पूरा करना मुश्किल हो गया है.

    पिछले कुछ वर्षों से कपास और सोयाबीन जैसी नकदी फसलें किसानों को धोखा दे रही हैं. गुलाबी इल्ली ने किसानों की कमर तोड़ दी है. अरहर के संतोषजनक उत्पादन के कारण, किसानों ने इस सीजन में अरहर के क्षेत्र में वृद्धि की थी. अरहर की अनुकूल जलवायु के कारण इस वर्ष अरहर की फसल जोरों पर थी.

    इसलिए किसानों को उम्मीद थी कि बंपर फसल आएगी. लेकिन नवंबर में बारिश के कारण अरहर का फूल बड़ी संख्या में गलने लगे और अत्यधिक नमी के कारण फंगस बिमारी का हमला हो गया और खडी अरहर की फसल सूख गई.

     चूंकि अरहर की फल्ली में बीज भरने से पहले सूख गए, दाना भरने से पहले अरहर सूख गई और अरहर की फसल कटाई कर उसका जानवरों के लिए कुटार खाद्य के रूप में इस्तमाल किया जा रहा है.

    ऐसी अराजक स्थिति में किसानों ने अरहर की कटाई की. अब अरहर की कटाई का काम चल रहा है और किसानों को प्रति एकड़ एक बोरी मिल रही है. जिसमें लगाई हुई लागत भी निकलना मुश्किल दिख रहा है.