Crime

    Loading

    • बाभुलगांव के मादणी गांव की घटना

    बाभुलगांव. तहसील के मादणी गांव में पिता ने अपनी 18 वर्षीय बेटी से लगातार 13 वर्षों से जबरन शारीरिक संबंध बनाकर उसकी गुप्तधन के लिए बली देने का प्रयास किया.25 अप्रैल की रात 9 बजे के दौरान पिडीता लडकी की सतर्कता से उसकी जान इस नरबली की घटना में टल गयी.

    इस घटना के बाद बाभुलगांव तहसील में हडकम्प मचा हुआ है, इस मामलें में बाभुलगांव पुलिस थाने में पिडीता लडकी की शिकायत पर उसपर जबरन शारीरिक अत्याचार करनेवाले उसके पिता समेत 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर सभी आरोपीयों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

    प्राप्त जानकारी के मुताबिक 18 वर्षीय पिडीता मादणी गांव में अपनी मॉं, छोटी बहन और पिता राजकुमार धकाते के साथ रहती है. पिडीता जब 4 वर्ष की थी, तब वह अपने यवतमाल निवासी चाचा के यहां शिक्षा हासिल करने के लिए गयी थी, इसके बाद उसने अकोला में पढाई कर वर्तमान में वह औरंगाबाद में बी फार्म के पहले वर्ष में शिक्षा हासिल कर रही है.उसे जब भी कॉलेज में छुट्टी रहती तब वह मादणी में अपने घर आती थी, मॉं तीन वर्षों से लगातार बिमार होने से वह कोई काम नही करती थी.

    पिडीता लडकी 13 वर्ष की थी तब वह यवतमाल में स्कुल को छुटटी होने पर अपने गांव मादणी आती रहती थी, तब से उसका पिता उसे गलत नजरों से देखता था, एक बार छुटटीयों में घर आने पर निंद में रहते समय उसके पिता ने उसके साथ यौनसंबंध बनो, तब से लेकर अब तक जब भी वह घर आती तब उसका पिता उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाता था, उसका विरोध करने या यह बात किसी को बताने पर पिडीता और उसकी मॉं तथा बहन को जान से मारने की धमकी उसका पिता राजकुमार धकाते उसे देता था.

    वर्ष 2020 से कोरोना काल में कॉलेज, हॉस्टेल बंद हो जाने से वह अकोला से अपने घर लौटकर रह रही थी, इस दौरान भी आरोपी पिता ने उससे बार बार शारिरक संबंध बनाऐं, इसके बाद वह औरंगाबाद में शिक्षा के लिए गयी थी, लेकिन 15 दिनों पुर्व ही तबियत ठिक न होने से वह मादणी स्थित अपने घर लौटी तब उसकी मॉं की तबियत बिगड जाने से उसे यवतमाल के अस्पताल में दाखिल कर आठ दिनों के बाद मॉं को घर लाया गया था.

    पिडीता की सतर्कता से पुलिस पहूंची घटनास्थल

    पिडीता द्वारा पुलिस में दर्ज बयान के मुताबिक, पिता राजकुमार धकाते यह खेती करने के साथ ही गुप्तधन हासिल करने के लिए मांत्रिक को बुलाकर हमेशा पुजापाठ करता था. 24 अप्रैल को भी उसने फोन पर गुप्तधन पर चर्चा की और पिडीता तथा उसकी बहन से मारपीट कर पिडीता को कहा की तेरी जैसी बेटी को जिंदा रखकर कोई उपयोग नही है, इसके बाद 25 अप्रैल की शाम 7 बजे के दौरान पिडीता को उसके पिता ने स्नान कर तैयार रहने कों कहा.

    इसके बाद रात 9 बजे के दौरान उसके घर में मादणी गांव में रहनेवाले विजय शेषराव बावणे 41,खेतीहर मजदुर रमेश कवडुजी गुडेकार 50 उसी तरह बाहरगांव से  4 पुरुष 2 महिलाएं आयी,इन सभी को राजकुमार धकाते अपने घर के पिछले कमरे में ले गया और पिडीता, उसकी मॉं तथा बहन को बाजु के कमरे में रोककर दरवाजा बंद कर दिया, इस दौरान राजकुमार और उसके साथ मौजुद लोग गुप्तधन के लिए चर्चा कर रहे थे,इसके लिए एक ने नरबली देने की जरुरत होने की बात कही जो पिडीता ने सुना.

    इसके बाद पिडीता, समेत तीनों के हाथों में एक निंबु देकर गणपती के सामने दुर्वा रखते हुए दुध का नैवैद देकर दो महिलाओं के हाथों से जगह की पुजा कर वहां गड्ढा खोदा गया, तब पिडीता को शंका आने से उसने छिपकर गुप्तधन के लिए जो गड्ढा खोदा जा रहा था, उसका फोटो लेकर उसे अपने यवतमाल निवासी दोस्त सचिन मेश्राम को भेजकर उसे बचाने का मैसेज किया, लेकिन इस दौरान यह सभी लोग पिडीता को जबरन आखिरी कमरे में ले गए, जहां पर सभी ने उसकी पुजा कर गले में फुलों का हार डाला, इसी दौरान वहां पर पुलिस पहूंच गयी, इसके बाद गुप्तधन के मामलें का पर्दाफाश हो गया.साथ ही पिडीता की जान बच गयी.

    इस मामलें में पिडीता ने बाभुलगांव पुलिस थाने में लिखित तौर पर शिकायत दर्ज की, जिसके बाद पुलिस ने उसके पिता राजकुमार जयवंत धकाते निवासी,विजय शेषराव बावणे,रमेश कवडुजी गुडेवार सभी निवासी मादणी, वाल्मिक रमेश वानखडे,विनोद नारायण चुणारकर,दीपक मनोहर श्रीरामे,आकाश शत्रूधन धनकसार,माधुरी विनय ठाकूर माया प्रकाश संग सभी निवासी रालेगांव इन 11  आरोपीयों के खिलाफ अपराध दर्ज कर सभी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया. इस वारदात के बाद उपविभागीय पुलिस अधिकारी संपतराव भोसले ने मौके पर पहूंचकर घटना का जायजा लेकर जानकारी ली. इस मामलें में बाभुलगांव पुलिस जांच में जुटी हुई है.