देश के तीर्थक्षेत्र को ज्ञान यात्रा का रूप गाडगे महाराज ने दिया-संतोष अरसोड

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    • स्मृतीपर्व 2021 उद‍्घाटन अवसर पर विभीन्न क्षेत्रों के मान्यवर रहे मौजुद

    यवतमाल. महात्मा ज्योतिबा फुले- डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर स्मृती पर्व 2021 का 28 नवंबर 2021 को उदघाटन किया गया.अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती की ओर से क्रांतिज्योती सावित्रीबाई फुले समता परिसर आजाद मैदान में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों और स्मृतीपर्व का उद्घाटन अरविंद माली ने किया.इस अवसर पर प्रमुख वक्ता विचारक तथा मिडीया वॉच के संपादक संतोष अरसोड थे.

    इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पुर्व प्राचार्य डा.आशा देशुमख ने की.जबकी प्रमुख अतिथी के तौर पर डा.अमृता पुनसे, सुनिता काले,विष्णुपंत भितकर, प्रा.काशिनाथ लाहोरे. उपस्थित थे.इस अवसर पर प्रमुख वक्ता संतोष अरसोड ने गाडगेबाबा के जीवन के विभीन्न पहलुओं और संघर्ष पर प्रकाश डाला.

    उन्होने कहा की जीस तरह दिपावली का पर्व दियों के प्रकाश तक मर्यादीत होता है, लेकिन यह पर्व वैचारिक प्रकाश का है, सभी बहुजनो को जीवन जिने का और अंधेरा दूर करने का पर्व है. फुले, आंबेडकर के विचारों की धार गाडगेबाबा के पुरे परिवर्तनवादी यात्रा में कैसी रही, बाबासाहब आंबेडकर और गाडगेबाबा सामाजिक आंदोलन में एक शरीर दो हाथ के समान थे, उसी तरह महात्मा फुले के सत्यशोधक आंदोलन के सच्ची विरासत गाडगेबाबा थे, एैसी भूमिका अरसोड ने इस समय विषद की.

    इस समय उद‍्घाटक अरविंद माली ने भी अपने विचार प्रकट किए.इस अवसर पर पर्व के संयोजक डा.ज्ञानेश्वर गोरे ने बिते 15 बरसों में स्मृती पर्व की यात्रा संदर्भ में जानकारी रखी.उद‍्घाटन सत्र का संचालन श्रध्दा चौधरी ने किया, जबकी प्रस्तावना मृणाल डगवार ने रखी.इस समय बंडू बोरकर ने वक्ताओं का परिचय दिया.

    उपस्थितों का आभार मीना गोतमारे ने जताया.कार्यक्रम की सफलता हेतु विलास काले,प्रा. सचिन साखरकर,शशिकांत फेंडर,पूडलिक रेकलवार,राहुल सारवे,उमेश इंगोले, सेजल फेंडर,हितेश भोयर,माधुरी फेंडर , निलेश शिंदे , सुनील आडे, अक्षय शेंडे , मुक्तरंग सोनटक्के ,अविश् वत्सल. शरद साबले,रत्नदीप गंगाले,सीमा शेटे,प्रमोद कांबले ने परिश्रम लिया.