water supply
प्रतिकात्मक तस्वीर

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    यवतमाल. यवतमाल में केंद्र व राज्य सरकार की 302 करोड़ की अमृत योजना की धज्जियां उड़ गई हैं.  आठ-बारह दिनों बाद पानी की आपूर्ति नहीं होने से आज भी नागरिकों में रोष है. नागरिकों को  जलापूर्ति को लेकर जीवन प्राधिकरण युद्धस्तर पर काम करे और अमृत योजना के काम को पूरा करे ताकि आने वाली गर्मी में नागरिकों को पानी के लिए भटकना न पड़े.  अन्यथा  शहरवासियाे ने जीवन प्राधिकरण को ही बगैर पानी के रहना पड़ेगा. यह चेतावनी दी गई है.  

    जीवन प्राधीकरण की कार्यप्रणाली से परेशान शहर के कुछ नागरिकों ने  शिवसेना शिंदे गट के शहर प्रमुख पिंटु बांगर से मुलाकात की . पिंटु बांगर लगातार अमृत योजना का काम पूरा हो इसके लिए प्रशासन के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रहे है. इसीलिए नागरिकों ने पिंटू बांगर  से मुलाकात कर अमृत योजना   को लेकर अपनी संवेदना व्यक्त की. अमृत योजना के कार्यों का अवधि खत्म होने के बावजूद भी नागरिकों को इस योजना का पानी नहीं मिल पाया है. 

    इसीलिए योजना का काम करने वाले ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड किया जाए. इसके अलावा ठेकेदार के खिलाफ अपराध दर्ज करने की मांग शिवसेना की ओर से किए जाने की जानकारी पिंटू बांगर ने दी. नागरिकों को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए शिवसेना के पदाधिकारियों ने आन्दोलन किया जिसके बाद शिवसेना के पदाधिकारियों पर मामले दर्ज किए गए. अब इस मामले पर न्यायालय में सुनवाई चल रही है.. जीवन प्राधीकरण के अधिकारी पिंटु बांगर को कानूनी दांवपेच में फंसाने का प्रयास कर रहे है. वास्तविक रूप से जनप्रतिनिधि यह नागरिक और प्रशासन के बीच का केन्द्र बिन्दु होता है.

    नागरिकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए जनप्रतिनिधि प्रयास करते हैं. जिस स्थिति में शिवसेना के पदाधिकारियों पर अपराध दर्ज कर प्रशासन ने अपनी तत्परता दिखाई है लेकिन वहीं तत्परता ठेकेदार पर अपराध दर्ज करते समय नहीं दिखाई गई. साल 2019 में पूर्ण होने वाले अमृत योजना अब तक पूरी नहीं हो पाई है. शिवसेना की डिमांड के अनुसार संबंधित ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने के आदेश निकाले गए थे लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया है. 

    जीवन प्राधीकरण के अधिकारियों के अलावा नेताओं ने ठेकेदार को अल्टीमेटम दिया था. लेकिन तारीख पे तारीख दी जारी है. बीते साल भी गर्मी के दिनों में नागरिकों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा था और अभी भी 8 दिनों आड़ जलापूर्ति होने से नागरिकों में रोष देखने को मिल रहा है. इसीलिए मामले की गहराई से जांच कर ठेकेदार के अलावा संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग नागरिकों ने की है. 

    कार्रवाई से नहीं डरेंगे 

    जीवन प्राधीकरण नागरिकों को पानी देने के लिए विफल साबित हुआ है. इसके खिलाफ आवाज उठाये जाने पर सरकारी काम में बाधा निर्माण करने के अपराध दर्ज किया गया है. यह योजना केन्द्र सरकार के 50 फीसदी राज्य सरकार के 25 फीसदी और नगर पालिका के 25 फीसदी निधि से  पूरी की जा रही है. पार्षद रहते समय से ही योजना को लेकर आवाज उठाई जा रही है.

    बेंबला से जलापूर्ति कराने के लिए लगाए गए 6 पंपों में से केवल 2 पंप शुरू है. इनमें से 1 पंप के भरोसे पर यवतमाल शहर को जलापूर्ति की जा रही है. वहीं दूसरा पंप शुरू करने पर उससे पानी टपक रहा है. इस संदर्भ में अधिकारियों ने स्पष्टीकरण देना चाहिए नागरिकों को परेशानी न हो इसीलिए योजना का कार्य पूर्ण कर ग्रीष्मकालीन नियोजन किया जाए. 

    -पिंटु बांगर, शहर प्रमुख, शिवसेना