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    पुसद. चरित्र पर संदेह जताते हुए अपनी पत्नी की हत्या कर बाद में उसके शव को जलाकर सुबुत नष्ट करने और करंट लगकर पत्नी की मौत होने की परिस्थिती निर्माण करनेवाले आरोपी पति को वर्तमान जिला न्यायाधीश क्र.1 राजेश अस्मार के न्यायालय ने आज सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. सजाप्राप्त आरोपी का नाम साहेबराव कबले है.

    इस मामलें में प्राप्त जानकारी के मुताबिक, उमरखेड तहसील के पोफाली पुलिस थानाक्षेत्र में आनेवाले आडद गांव निवासी आरोपी पांडुरंग साहेबराव कबले के साथ जुन 2013 में नागापूर रूपाला निवासी प्रल्हाद दिगंबर बुरकुले की बेटी पद्मा का विवाह हुआ था.लेकिन विवाह के एक माह बाद ही पांडुरंग अपनी पत्नी पदमा के चरित्र पर संदेह जताते हुए उसे मानसिक तकलीफें दे रहा था.

    कबले दम्पत्ती ढाई माह के अपने बेटे के साटा आडद में खेत में बने घर में रहते थे.22 दिसंबर 2014 को पदमा को करंट लग जाने से उसकी मौत होने की जानकारी उसके मायके और ससुराल में दी गयी, इस घटना के बारे में पहले आडगांव के पुलिस पाटील यशवंत संभाजी कबले ने पोफाली पुलिस थाने को दी थी.इसके बाद 23 जनवरी 2014 को प्रल्हाद दिगांबर बुरकुले ने पदमा के पति ने उसके चरित्र पर संदेह जताकर मारपीट कर उसे जलाकर मारने की रिपोर्ट पुलिस थाने दी.

    इस शिकायत पर आरोपी पांडुरंग कबले के खिलाफ भादंवी की धारा 302,201,498 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. इस मामलें में तत्कालीन जांच अधिकारी सहायक पुलिस निरीक्षक अरुण राऊत और सहायक पुलिस निरीक्षक सरदारसिंग ठाकुर ने जांच पुरी कर न्यायालय में दोषारोपपत्र दायर किया था.जिला व सत्र न्यायालय में चले इस मामलें में सरकारी अधिवक्ता एड.रवि केशवराव रुपुरकर ने 11 गवाह न्यायालय में पेश किए गए थे, इन गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज कर जांचे गए.

    इसमें पहली पत्नी के भी चरित्र पर संदेह जताते हुए पांडुरंग ने उसे जाने से मारने का असफल प्रयास किया था, उससे अलग होने के बाद पांडुरंग का पदमा के साथ विवाह हुआ था, पदमा के चरित्र पर भी आरोपी संदेह जताकर उसकी हत्या करने के बाद शव जलाने की जानकारी आरोपी के पहली पत्नी और मृतक के पिता तथा मॉं के बयान पर साबित हुआ,इस मामलें में शव का पोस्टमार्टम करनेवाली उमरखेड सरकारी अस्पताल की वैदयकीय अधिकारी डाक्टर प्रीती जयस्वाल वैद्यकीय अधिकारी की गवाही भी आरोप साबित करने में अहम साबित हुई.सभी परिस्थितीजन्य सुबुत और गवाह तथा सरकारी वकिल द्वारा आरोपी सिध्द करने पेश किए गए सुबुत न्यायालय ने मानते हुए आरोपी को इस मामलें में दोषी करार दिया.

    आज आरोपी दिगंबर कबले को पत्नी की हत्या करने के मामलें में उसे सश्रम आजीवन कारावास की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना ठोका. साथ ही हत्या के सुबुत नष्ट करने के मामलें में 3 वर्ष सश्रम कारावास और ढाई हजार रुपयों की सजा सुनायी गयी, इसके अलावा पत्नी को शारीरिक और मानसिक तौर पर छल करने के मामलें में 3 वर्ष सश्रम कारावास और ढाई हजार रुपए जुर्माना ठोंकने का फैसला सुनाया.इसमें जुर्माने की 10 हजार की राशि मृतक के बेटे को देने के आदेश न्यायालय ने दिए. इस मामलें में सहायक सरकारी अधिवक्ता एड.रवि रुपूरकर ने पैरवी की, जबकी कोर्ट मोहर्रर के रुप में जमादार राहुल मार्कंडे ने काम संभाला.