Yavatmal Heavy Rain

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यवतमाल: महाराष्ट्र के यवतमाल जिले (Yavatmal Heavy Rain) में बीते 24 घंटे में बारिश ने तांडव मचाने का काम किया है। जिले के महागांव, आर्णी, दारव्हा, घाटंजी, कलंब, बाभुलगांव, दिग्रस, नेर, पांढरकवडा, पुसद, रालेगांव, झरीजामणी में मूसलाधार बारिश हुई है। महागांव तहसील के अनंतवाडी/आनंदनगर तांड में बाढ में फंसे नागरिकों को बचाने का काम जारी है, अब तक 32 लोगों को बाहर निकाला गया है। वही, बाकि लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। यहां पर 45 नागरिक अटके हुए थे। जिन्हें वायुसेना की मदद से बाहर निकला जा रहा है।

डिप्टी एसपी विनायक कोटे ने कहा कि सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था। आनंद नगर इलाके से फिलहाल 32 लोगों को बचाया गया है। उन सभी को सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि 100 साल बाद जिले में 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश हुई है। जिले में 28 जून 1996 में 196.4, 24 जून 2001 में 189.2, 28 अक्तूबर 2005 में 196.4, 21  सितंबर 1981 में 220.6 और बीते 24 घंटे में 316.0 मिमी बारिश दर्ज हुई है।

आधा शहर पानी में डूबा

यवतमाल शहर का आधे से अधिक हिस्सा शुक्रवार की रात से हो रही बारिश के पानी में डूब गया। शहर के अधिकांश नागरिकों के घरों में पानी घुसने से बडे पैमाने पर घरेलु उपयोगी सामग्री का नुकसान हुआ है। यवतमाल शहर में आयी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए जहां प्रशासन की रेस्क्यू टीम कार्यरत है। वहीं शनिवार की सुबह से ही सावत्रि ज्योतिराव समाजकार्य महाविद्यालय के छात्रों ने बारिश प्रभावित इलाकों में जाकर मदद कार्य पहुंचाने का काम किया जा रहा है। विविध वस्तूओं में भोजन पहुंचाने, कपडों का वितरण और लाभार्थियों की सूची तैयार करने का काम छात्र कर रहे है। इन छात्रों के साथ प्रा। घनश्याम दरणे और छात्र संकेत सरोदे, आशीष गजभार, अविनाश चंद्रवंशी, श्रीकांत कुंटलवार, कुणाल खिराडे, बालू पवार, सचिन तडसे, जय शिंदे, पृथ्वीराज चव्हाण, जय शिंदे, सचिन तडसे, बालू पवार, गुरणुले, आसिका धुर्वे, कबीर दरणे मदद कार्य में जुटे हुए थे।

 

वाघाडी गांव के 400 परिवारों का किया स्थालंतर, घर ढहने से एक महिला की मौत

शहर से सटे वाघाडी गांव पानी में डूब गया। यहां पर रहनेवाले 400 परिवारों को सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित किया गया है। वाघाडी गांव में रहनेवाली शालू रविंद्र शिंदे नामक महिला के घर में पानी घुस जाने से पूरा घर जमींदोज हो गया। जिसमें शालू कांबले की मौत हो गई। गांव में रहनेवाले अन्य लोगों ने जैसे तैसे महिला की दो बेटियों को घर से बाहर निकालकर उनकी जान बचा ली। वहीं उनके घर के पडोस में रहनेवाले गुल्हाने नाम व्यक्ति के घर की लगभग 100 मुर्गियां बाढ के पानी में बह गई। इसके अलावा एक घर से अवधूतवाडी पुलिस की मदद से 30 बकरियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। तडके सुबह से ही यवतमाल की सेवाभावी संस्था की मदद से राहत व बचाव कार्य किया जा रहा है।  आपदाग्रस्त नागरिकों को वाघाडी के एक नवनिर्मित रेलवे बिल्डींग में स्थालांतरित किया गया है। वहीं कुछ लोगों की व्यवस्था वाघाडी के गुरुद्वारा में की गई है।

शहर में अनेक घरों में घुसा पानी

यवतमाल शहर के बेंडकी पुरा इलाके में नगर पालिका ने नालों की सफाई नहीं की। जिसके चलते जेसीबी उसमें फंस गई और बाढ़ का पानी जाम हो गया।  इससे करीब पंद्रह से बीस घरों में पानी घुस गया। इनमें  प्रकाश उइके, राजू पोयाम, पंकज निनावे, शीतल मस्के, विद्या जाते, अभय मार्कशेतवार के घरों में चार से पांच फीट पानी घुस गया। जिससे  घरेलू सामान के साथ अनाज भी बह गया।  नगर परिषद प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली से परिसर के लोगों में रोष देखने को मिल रहा था।

तलाव फैल में पुल ढहा

शहर में मूसलाधार बारिश की वजह से तलाव फैल परिसर से बहनेवाले नाले पर बना पुल नाले में आयी बाढ के पानी में बह गया। जिससे नाला से सटे अनेक लोगों के घरों में पानी घुस जाने से लोगों को नुकसान हुआ है।

बाढ का पानी खेतों में घुसा

आर्णी तहसील के अनेक किसानों के खेतों में बाढ का पानी घुसने से सोयाबीन, कपास, तुअर की खडी फसलें पानी में डूब जाने से खराब हो गई। जिससे किसानों पर मुसीबत का पहाड टूट पडा है। मूसलाधार बारिश से तहसील के अंतरगाव केलझरा, वरुड भक्त, यरमल (हेटी) विठोली व अरूनावती नदी में बाढ आने से नदी तट के खेतों में पानी घुस गया। जिससे फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है। भानसरा निवासी मनोज शामराव भोयर व वरूड (भक्त) विजय वामनराव लुटे के अलावा मुरलीधर लुटे इन किसानों के खेतों की फसलों का नुकसान हुआ है। वहीं खेड (बिड) गांव से सटे नाले का पानी गांव में घुस जाने से गांव के लोगों में हडकंप मच गया। इसके अलावा  उमरी (ई) में माधव केशव राठोड के घर की दीवार ढह जाने से आर्थिक नुकसान हुआ है। सौभाग्यवश किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई।

घाटंजी शहर में भी अनेक घरों में घुसा पानी

घाटंजी शहर सहित अनेक इलाकों में मूसलाधार बारिश ने दस्तक दी। लगातार बारिश के चलते शहर के अनेक नागरिकों के घरों में पानी घुस जाने से घरेलू सामग्री भीग जाने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पडा। भारी बारिश के चलते तहसील का अनेक गांवों से संपर्क टूट गया है। मुर्ली, पारवा, येलाबारा, पांढर्णा, मांडवा, चोरांबा जैसे गांव में चहुंओर रास्ते के पुल पर बाढ का पानी आ जाने से आवागमत ठप हो गया। मुर्ली गांव के मध्य में स्थित विट्ठल मंदिर में भी पानी घुस गया।

इसी गांवं में एक मृत हो चुके व्यक्ति के घर में भी पानी घुस गया। घाटंजी की वाघाडी नदी ने फिर से अपना रौद्र रूप दिखाते हुए साल 2019 की पुनरावृत्ति दिखाते हुए नेहरू नगर का नीचला क्षेत्र, वडार मोहल्ला, आंबेडकर वार्ड, कुंभारपुरा व अन्य बस्तियों में पानी घुसने से अनेक घरों में रहनेवाले लोगों को स्थानांतरित किया गया है। शहर के बाढ प्रभावित क्षेत्रों को एसडीओ याशनी नटराजन व मुख्याधिकारी अमोल माडकर ने तत्काल भेंट कर उपाययोजनाएं की। वहीं बाढ पीडितों की जलाराम मंदिर में व्यवस्था की गई है। नदी तट के घरों में रहनेवाले लोगों के घरों से गैस के सिलेंडर भी पानी में बह गए।

दिग्रस शहर भी पानी से तरबतर

पूरे दिग्रश शहर को भी धवंडा नदी के पानी ने घेर लिया। दोनों पुल पर से पानी तेज गति से बहने से मार्ग का आवागमन प्रभावित हो गया था। वहीं शहर की झुग्गी बस्तियों में पानी घुस जाने से परिसर में रहनेवाले नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पडा। घुटनों तक पानी जमा रहने से लोगों को पानी से आवागमन करना पडा।

चातारी गांव के हालत बद से बदतर

उमरखेड तहसील के चातारी गांव में बीते दो तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। जिसके चलते यहां के हालात बद से बदतर हो गए है। चातारी गांव के नदी नालों में बाढ आने से बाढ का पानी अनेक घरों में घुस गया है। वहीं कुरली निवासी यादवराव नपते के सर्वे नंबर 148 खेत का पाझर तालाब फूटने से 17 एकड फसल सहित अन्य किसानों के खेतों की फसलें भी पानी में डूब गई है।

आर्णी तहसील के सैंकडों हेक्टेयर फसलें पानी में डूबी

आर्णी तहसील के पैनगंगा नदी तट के साकुर, मुकिंदपुर, कवठा बाजार, राणी धानोरा गांव में सैंकडों हेक्टेयर खेत की फसलें नदी में आयी बाढ के पानी में डूब गई। इसके अलावा तहसील के साकुर गांव में पैनगंगा नदी का पानी गांव में घुस जाने से राजस्व प्रशासन ने नदी तट पर रहनेवाले गांव के नागरिकों को सुरक्षित स्थल पर जाने का आह्वान एसडीओ देशपांडे व तहसीलदार ने किया है। दो व्यक्ति पैनगंगा नदी में आयी बाढ में फंसने से उनको बचाव व राहत कार्य की टीम के सहयोग से बाढ के पानी से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

राणी धानोरा में किसान दंपत्ति खेत में फंसे होने से उनका रेस्क्यू किया जा रहा है।वहीं कवठा बाजार में बुजुर्ग दंपत्ति खेत में अटके पडे हुए है। उनका भी रेस्क्यू किया जा रहा है।

21 जुलाई की मध्यरात्रि से जिले के उमरखेड, महागांव, दिग्रस, दारव्हा तहसील में मूसलाधार बारिश हो रही है। यहां से बहनेवाली पैनगंगा, अडाण और अरूणावती नदी में महाप्रलय आ गया है आर्णी शहर से बहनेवाली अरूणावती नदी में बाढ आने से शहर का दरगाह पुल यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। नदी में बाढ आने से शहर से बहनेवाला नाला उफान बह रहा है। इसीलिए नाले तट पर रहनेवाले लोगों को सुरक्षित जगह पर भेजा गया है। तहसील के लिंगी, सायखेडा, चिकनी, भंडारी, काठोडा, आसरा, विठोली, शिवर गांव के खेतों में पानी घुस जाने से फसलों का नुकसान हुआ है। नांदेड उमरखेड रास्ता बंद रहने से बस स्टॉप से शनिवार को एक भी बस नहीं दौडी।

अरूणावती पुल पर से पानी बहने से इन मार्गों से होनेवाली यातायात को बंद कर दिया गया है। कवठा बाजार के बाढ के पानी में फंसे बुजुर्ग किसान दंपत्ति को रेस्क्यू टीम ने बोट की सहायता से सुरक्षित बचाया। रेस्क्यू कार्य में नागपुर एसडीआरएफ के पीएसआई रंधे, हडवे, केंद्रे, देवकते, सोनवने, तिवारी, शेख, राठोड आदि शामिल हुए।

तुपटाकली में पानी का कहर

तुपटाकली परिसर में भी मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। यहां के जिला परिषद स्कूल परिसर में पानी भर गया है। वहीं दिग्रस से धावडा नदी उफान पर बह रही है। महागांव में मूसलाधार बारिश के चलते धानोडा माहुर रोड से बहनेवाली पैनगंगा नदी में बाढ का पानी बढते जा रहा है। 

पुसद तहसील में पानी का कोहराम

पुसद शहर के गवलीपुरा,अशोक पार्क,नारायणवाडी सहित आदि इलाकों में रहनेवाले लोगों के घरों में पानी घुस गया। अशोक पार्क वसंत पार्क का नाला फुटने से तालाब का नजारा देखने को मिला। वहीं  पुसद उमरखेड रोड पर  शेलु नजदीक नाले को बाढ आने से पुसद उमरखेड का संपर्क टूट गया है। वहीं पुसनदी तेजी से बह रही है। तहसील के वालतूर,यरंडा, कोपरा,सावंगी,भोजला,शेलु खुर्द, रंभा,वनवारला,निंबी,लोणी, आरेगावसह आदि इलाकों में खेत की फसलें पानी में डूब जाने से किसानों का नुकसान हुआ है।

उमरखेड की 200 साल पुरानी ईदगाह ढही

उमरखेड में बीते दो दिनों से शुरू मूसलाधार बारिश से शनिवार की तडके पाक ईदगाह की इमारत ढह गई। ईदगाह समिति के जिम्मेदार व स्थानीय लोगों के मुताबिक लगभग 200 साल पुरानी ईदगाह को सफेद मिट्टी व ईंटों से बनाया गया था। उमरखेड की यह ईदगाह जमीनी स्तर से 55 फूट उंचाई पर है। ईदगाह पर साल में दो मर्तबा रमजान ईद व बकरी ईद की नमाज अदा की जाती है। ईदगाह समिति ने परिसर को बंद कर दिया है।

बारिश के आंकडे 

शुक्रवार और शनिवार की सुबह हुई बारिश के आंकडों पर नजर डाले तो यवतमाल तहसील के यवतमाल शहर में 303, कापरा में 120.25, हिवरी में 203.25, अर्जुना में 240.25, अकोला बाजार में 220, येलाबारा में 146.25, कोलंबी में 213.25, सावरगड में 303, मोहा में 293.75, लोहारा में 318.50, बाभुलगांव तहसील के बाभुलगांव में 110.50, वेणी में 75, घारफल में 85.50, सावर में 78, कलंब तहसील के कलंब में 146.25, कोठा में 75, पिंपलगांव में 159, सावरगांव में 159, जोडमोडा में 127, मेटीखेडा में 150.50, दारव्हा तहसील के दारव्हा में 118.25, मांगकिन्ही में 77.50, बोरी में 126.75, लाडखेड में 186.75, महागांव में 186.75, दिग्रस तहसील के दिग्रस में 97.50, कालगांव में 93.25, तिवरी में 137, तुपटाकली में 94.50, सिंगद में 101.75, आर्णी तहसील के आर्णी में 186.75, जवला में 186.75, लोणबेहल में 155, सावली में 114.25, बोरगांव में 186.75, अंजनखेड में 155, नेर तहसील के नेर में 185, मालखेड में 184.25, पुसद के पुसद में 104.75, वरूड में 100.25, बोरी खु. में 104, उमरखेड तहसील के उमरखेड, विडूल, चातारी, ढाणकी में 70 मिमी से अधिक, धर्ती में 175.25, निंगनुर में 281, कुपटी में 65.25, महागांव तहसील के महागांव में 189.50, मोरथा में 189.50, गुंज में 226, कालीदौलत में 226, हिवरा में 279.50, फुलसावंगी में 281, झरीजामणी के फुलसावंगी में 281, कसोला में 226, झरीजामणी के झरी, माथार्जुन, शिबाला में 70 मिली से अधिक, केलापुर तहसील के पाटणबोरी में 128.25, रुंझाा में 108.75, घाटंजी तहसील के घाटंजी में 146.25, शिरोली में 165.75, साखरा में 146.25, घोटी में 191, पारवा में 165.75, रालेगांव तहसील के रालेगांव में 142.75, झाडगांव में 112.25, वरध में 108.75 मिमी बारिश हुई है।