जिले में मध्यम, लघु बांध प्रकल्प निर्माण मिलेंगी गति, जिला विकास मंच, मुख्य अभियंता के बैठक में लिया फैसला

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    यवतमाल. यवतमाल जिले में लंबित तथा निर्माणाधीन सिंचाई प्रकल्पों को गति दी जाएंगी. बडे, मध्यम और लघु बांध निर्माण के लिए जिलाविकास मंच तथा जलसंपदा विभाग के मुख्य अभियंता की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.मंडल कार्यालय यवतमाल में 7 सितंबर को इसके लिए विशेष सभा का आयोजन कीया गया था.

    इस अवसर पर पाटबंधारे विभाग के मुख्य अभियंता बहादुरे, अधिक्षक अभियंता चौधरी, जिला विकास मंच के अध्यक्ष पूर्वमंत्री शिवाजीराव मोघे,उपाध्यक्ष दिनेश गंधे, सचिव भारत राठोड,महासचिव प्रकाश मानकर समेत सभी विभागों के कार्यकारी अभियंता मौजुद थे.

    इस बैठक के दौरान जिले में लोअर पैनगंगा परियोजना का काम जारी आर्थिक वर्ष में शुरु करने ठोस नियोजन करने का निर्णय लिया गया. इस कार्य को पांच चरणों में पुरा करते हुए किसानों को उनकी जमिन का मुआवजा 30 से 32 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर देने पर भी चर्चा हुई.

    अरुणावती प्रकल्प का पानी अब भी टेल तक नही पहूंचने इसके लिए 25 करोड रुपयों का पुर्नप्रस्ताव पेश करने,बाभुलगांव के वर्धा बैरेज प्रकल्प प्रस्ताव में सुधार का उसे प्रशासनिक मंजुरी दिलवाकर जारी वर्ष में इसका काम शुरु करने,इसी तहसील के खर्डा प्रकल्प के कामों का दुबारा नियोजन का निर्णय लिया गया.

    जबकी महागांव तहसील के अमडापुर के प्रकल्पबाधीतों के विस्थापन का प्रश्न हल कर कैनाल का काम पुरा कीया जाएंगा.इसके अलावा जिले में लगभग 20 लघु बांधों के काम मामुली कारणों से अधुरे हुए है, उन्हे भी तात्काल पुरा कीया जाएंगा.एैसी जानकारी मुख्य अभियंता ने बैठक में दी.

    इन बांध प्रकल्पों के निर्माण के दौरान वन जमीन से जुडे मामलों की मंजुरी के लिए मंत्रालय स्तर पर यदी दिक्कतें है, तो उसमें व्यक्तीगत तौर पर ध्यान देकर उन्हे हल करने सहयोग कीया जाएंगा, एैसी जानकारी पुर्वमंत्री मोघे ने दी. इस बैठक में निश्चीत कीए हुए जिले के सिंचाई बांधों के मुददे हल करने जलसंपदा विभाग ने कामों को गति देने की भुमिका ली है,जिससे आगामी कुछ समय में किसानों कों सिंचाई जल,जलसंग्रह और पेयजल आपूर्ति में राहत मिलने की आशा जतायी जा रही है.