ओबीसी च्या जातीनिहाय जनगणना के लिए पूरा भारत बंद करेगें- वामन मेश्राम

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    यवतमाल.  स्वतंत्र भारत में शासक जाती से एक बार भी जाति निहायी जनगणना व ओबीसीं की जाती आधारित जनगणना ना करना यानी ओबीसीं को संविधानिक हक्क अधिकार व प्रतिनिधित्व से जानबुझकर वंचित  रखने के लिए तैयर किए षडयंत्र है.

    साथ ही ओबीसीं की वोटों पर चुनाकर आने क लिए चुनाव मेनोफेस्टो में हम ओबीसीं की जाती आधारित जनगणना करेगें ऐसा आश्वासन तो देते है लेकिन चुनकर आने के बाद आश्वासन का पालन ना कर  सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसीं की जातनिहाय जनगणना  नही करेगें ऐसा लिखित देना यह ओबीसी समाज के साथ सबसे बडी धोकेबाजी है. 

    ओबीसीं को उनके जनसंख्या के प्रमाण में   प्रत्येक क्षेत्र में  प्रतिनिधित्व मिलने के लिए व  समान न्याय व समान हक्क अधिकार  मिलने के लिए ओबीसीं की 1931 से न हूए जाति निहायी जनगणना अब 2021 में होना आवश्यक है.  जिसके चलते सरकार ने ओबीसी की जाती आधारित जन गणना करने के लिए विविध चरणों में राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन पूरे देशभर में के  550 जिले में शुरू है. ओबीसी की जाती आधारित जनगणना करे अन्यथा राष्ट्रीय पिछाड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा के माध्यम से  भारत बंद करने का इशरा वामन मेश्राम ने किया.

      वे   राजर्षी शाहू महाराज का जन्म शताब्दी वर्ष व क्रांतीसूर्य महात्मा जोतीराव फुले के स्मृती अवसर पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा व राष्ट्रीय किसान मोर्चा  के सहयोग सगठन की ओर से महाराष्ट्र राज्य स्तरीय संयुक्त राज्य अधिवेशन  रविवार 28  नंवबर को 2बादाफळे मंगल कार्यालय  में अयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. 

     राज्य अधिवेशन के दुसरे सत्र में गजानन उल्हे  ने कहा कि, राष्ट्रीय किसान मोर्चा इस संगठन के माध्यम से भारत देश के किसानों की  विविध समस्या प्रामुख्य से महात्मा जोतीराव फुले  ने भविष्य  मे होनेवाले किसानों के प्रति जो भाष्य किया था वह सही साबित हो रहा है.

    किसान विरोधी तीन काले कानून   के  माध्यम से  जनतंत्र खत्म करना व  भांडवलशाही प्रस्थापित कर खेती पर अधारित 80  प्र.श. किसान खेत मजदूर व कामगारों को भांडवलदारां के कंपनी में  दिहाडी मजदूर बनाकर  गुलाम रखने का काम सरकार का षडयंत्र है.  ओबीसी की जाती आधारित जनगणना जब नही होगी तब तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन  किया जायेगा ऐसी जानकारी दी. 

    इस संयुक्त राज्य अधिवेशन का उदघाटन रवी जाधव (प्रभारी बहुजन मुक्ति पार्टी, लोकसभा यवतमाल) के हाथो  से किया गया. इस अधिवेशन मे में  कल्याणराव दले,  गजाननराव बोंडे, अरविंद माली, गजानन उल्हे, शिवाजी  पाटील,  चद्रकांत जगदाले, चक्रधर पाटील देवसरकर, दिपक इंगले, विश्वास पाटील,  समेत ने  मार्गदर्शन किया.  कार्यक्रम की प्रस्तावना विजय सोनूले,  सूत्र संचालन मंगेश लोणकर व आभार प्रदर्शन प्रदीप चौपडे ने किया. 

    यह अधिवेशन  सफलतापूर्वक बनाने के लिए राष्ट्रीय पिछडा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा व राष्ट्रीय किसान मोर्चा, राष्ट्रीय छत्रपती क्रांती सेना, राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ, प्रोटॉन, भारतीय छात्र/ युवा/बेरोजगार मोर्चा, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ, राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा बहुजन क्रांती मोर्चा, भारत मुक्ति मोर्चा व सभी ऑफ शूट विंग्स में राज्य पदाधिकारी, यवतमाल जिल पदाधिकारी, 16 तहसील के पदाधिकारी उपस्थित होते  थे.