- विविध मांग को लेकर शिवसेना का जिला कचेरी पर किसान आक्रोश मोर्चा
यवतमाल. इस शिंदे सरकार केवल घोषाए का सरकार है, यह सरकार सत्ता में ही आते ही महाराष्ट्र को आत्महत्या मुक्त महाराष्ट्र करने की घोषाए की थी, लेकिन 1 जुलाई से अब तक 600 से अधिक विदर्भ के किसानों ने आत्महत्या की है. यह सरकार किसानों के लिए कुछ मदद नही करती है, सरकार केवल अमहदाबाद से मुंबई बुलेट ट्रेन बनाने के लिए व्यक्त है. बुलेट ट्रेल के लिए पैसा देती है. लेकिन किसानों की अतिवृष्टी का पैसा नही दे रही है, फसल बिमा कंपनियों को किसानों को पैसे देने से रोक रही है. यह सरकार केवल घोषाणा की सरकार है. ऐसा प्रतिपादन विपक्ष नेता आंबादास दानवे ने किया. वे बालासाहेब उद्धव ठाकरे शिवसेना की ओर से विविध मांग को लेकर आझाद मैदान से जिलाधिकारी कार्यालय तक किसान आक्रोश मोर्चा सोमवार 9 जनवरी को निकाला गया था, उसमें कार्यकर्ते को संबोधित कर रहे थे.
इस समय पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद अरविंद सावंत, विपक्ष नेता अंबादास दानवे, पूर्व मंत्री संजय देशमुख, पूर्व विधायक बालासाहेब मुनगिनवार, संपर्क प्रमुख राजेद्र गायकवाड, जिला प्रमुख संतोष ढवाले, प्रविण पांडे, कांचन चौधरी, पोहरादेवी संस्थान के सुनील महाराज समेत अन्य मंच पर उपस्थित थे.
उन्होने आगे कहा कि, बिजली कंपनियों को नीजी करण करने का प्रयास किया जा रहा है, यह बिजली कंपनियों को आदाणी को बचने के लिए तैयार कर रही है. लेकिन किसानो को रात के समय पर केवल 3 घंटे तक बिजली की अपूर्ती की जा रही है. यह सरकार विदर्भ के लिए अलग अलग घोषाणए कर रहा है, लेकिन विदर्भ के 33 सिंचाई बांध के लिए निधि नही मिला है. गोसीखुर्द का जल यवतमाल जिले से लाने का प्रयास किया जायेगा इसकें संबंध में सदन में आवाज उठाई जायेगी.
विदर्भ में सोयाबीन, कपास व धान बडे पैमाने लेते है. लेकिन आज इन फसलो को दाम नही है. पिछले वर्ष कपास को दाम अच्छा मिला था. उद्धव सरकार का व्यापरियों पर नियंत्रण है. लेकिन यह सरकार केवल बिल्डरों की सरकार है. यह सरकार भूखड हडप करनेवाले का समर्थन करता है. गायरान जमीन लूटनेवाले का समर्थन करनेवाली सरकार है. आज सेवालाल महाराज का नाम लेकर गायरान जमीन हडप करते है. हम गायरान जमीन हडप करनेवाले की खूर्ची खाली करेगें. 40 लोगों ने बगावत की है लेकिन 140 लोग चुनकर लाने की क्षमता शिवसेना है.
केद्र सरकार पर किया हमला
दानवे ने केंद्र सरकार पर हमला किया उन्होने कहा कि, मंत्री पियुष गोयल को जब कॉटन एसोशिएसन लोग मिले. तब उन्होने कपास को आस्ट्रलिया से 51 हजार टन लाने का तय किया गया है. इस वजह से किसानों कपास को दाम नही मिल रहा है. आयात शुल्क 11 प्र.श. होती है लेकिन इस सरकार ने आस्ट्रलिया से कपास को लाते समय कोई भी शुल्क नही वसुला जाने का अजब निर्णय केंद्र सरकार ने लिया. साथ ही नागपुर की संत्री बांगलादेश जाती है. उस पर बांगला सरकार पर ने टैक्स लगाया है लेकिन सरकार चुप बैठे है. यह सरकार किसानों से बातचीत नही करते है, केंद्र की सरकार व्यापरियों का सरकार है. राज्य का सरकार बिल्डरो का सरकार है.
इस समय सांसद अरविद सावंत ने कहा कि, पिछले वर्ष मोदी सरकार को किसानो को सामने झुकना पडा. कपास को दाम नही मिलता है कपास के लिए आयत की जाती है, मंत्री पियुष गोयल व्यापारियो के साथ खडे रहते है. बैंकों ने धनाढ्य लोगों का 1 लाख 41 हजार करोड रूपये का कर्ज माफ किया जाता है. लेकिन ईडी (शिंदे- फडणवीस) सरकार किसानो का कर्ज माफ क्यों नही करती है. ऐसा सवाल भी उन्होने ने राज्य सरकार को पुछा. शिंदे गुट ने पीठ में खंजीर घोपकर सुरत देखा, गुहावटी देखी साथ ही गोवा जाकर सबकुछ पी लिया ओर सरकार में मुख्यमंत्री हुए.
मोर्चा में काले कपडे पहनकर सरकार का किया विरोध
किसान आक्रोश मोर्चा आझाद मैदान से होकर डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर चौराह, एलआयसी चौराह से जिलाधिकारी कार्यालय पर दस्तक दी. इस मोर्चा में आर्णी के शिवसैनिकों की ओर से काले कपडे परिधान कर राज्य सरकार का निषेध किया.
मोर्चा के नागरिकों ने लिया छाव का सहारा
किसान आक्रोश मोर्चा सोमवार 12 बजे आझाद मैदान से निकालनेवाला था. लेकिन यह मोर्चा देरी से शुरू हुआ. लगभग यह मोर्चा दोपहर 1.30 बजे आझाद मैदान से निकाला. लगभग 2 बजे जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा ने दस्तक दी. उस समय कडी धुप होने की वजह से इस धुप से बचने के लिए नागरिकों ने एलआयसी चौराह, सिंगल का सहारा लेकर धुप से बचने के लिए छाव का सहरा लिया.
मोर्चा में रह रखी मुख्य मांग
वर्ष 2017 में हुए छत्रपती शिवाजी महाराज सन्मान योजना अंर्गत् वंचित रहे किसानो को तत्काल कर्ज माफी दी जाए, नियमित कर्ज वापीस करनेवाले किसानो को 50 हजार रूपये अनुदान तत्काल दिया जाए, वर्ष 2018 से बंद पडी कृषि बिजली कनेक्शन योजना तत्काल शुरू करे, फसल बिमा लाभार्थी को समसमान राशि दिया जाए, किसानों को 12 घंटे बिजली की अपूर्ती की जाए, वणी व मारेगांव तहसील के गावों को वेस्टर्न कोलफिल्ड लिमीटेड की मिट्टी से हो रही नुकसान हो रोका जाए समेत अन्य मांग इस किसान आक्रोश मोर्चा में रखी गई.