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    मुंबई: पंढरपुर (Pandharpur) में भगवान विठ्ठल (Lord Vitthal) के दर्शन करने के लिए दो साल बाद हो रही तीर्थयात्रा में इस बार भारी संख्या में लोग उमड़े हैं जिसके कारण भीड़भाड़ में अपने परिजनों और साथियों से बिछड़े लोगों को फिर से मिलाने के लिए पुलिस ने ‘तीर्थ क्षेत्र चौकियां’ बनायी हैं। पुलिस ने अब तक 1,600 से अधिक श्रद्धालुओं को उनके परिवारों तथा मित्रों से फिर से मिलाया है।

    सोलापुर (Solapur) की जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सतपुते ने पंढरपुर शहर में और उसके आसपास लापता प्रकोष्ठ और ‘तीर्थक्षेत्र चौकियां’ स्थापित की हैं जो उन बच्चों तथा बुजर्गों के लिए बड़ी मददगार साबित हो रही हैं जो भीड़भाड़ में अपने परिजनों तथा साथियों से बिछड़ गए थे। कोविड-19 महामारी के कारण यह तीर्थयात्रा 2020 और 2021 में नहीं हो सकी।

    पुलिस के अनुमान के अनुसार, इस साल सभी पाबंदियां हटने के बाद करीब 15 लाख लोग महाराष्ट्र तथा पड़ोसी राज्यों के विभिन्न हिस्सों से आषाढ़ी एकादशी के दिन 10 जुलाई को पंढरपुर आए। तेजस्वी ने बताया कि जिला प्राधिकारियों को अंदाजा था कि इतनी भीड़भाड़ में लोग अपने साथियों से बिछडेंगे।

    इसलिए उन्होंने विशेष लापता प्रकोष्ठ गठित करने के बारे में सोचा। ऐसे पांच प्रकोष्ठ और करीब छह ‘तीर्थ क्षेत्र चौकियां’ स्थापित की गयी। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘लापता प्रकोष्ठ और तीर्थक्षेत्र चौकियों की मदद से हम कम से कम 1,640 लोगों को उनके परिजनों से फिर से मिला सकें। इनमें से 72 बच्चे थे जो भीड़ में खो गए थे।” (एजेंसी)