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     चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के लिए राज्य में उनके नेतृत्व वाले साढ़े चार साल के कार्यकाल की सत्ता विरोधी लहर को जिम्मेदार ठहराने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी नेतृत्व कभी नहीं सीखेगा। पंजाब लोक कांग्रेस के प्रमुख सिंह को पिछले साल मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से सवाल किया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में पार्टी की हार के लिए कौन जिम्मेदार है।

    सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘कांग्रेस नेतृत्व कभी नहीं सीखेगा। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की शर्मनाक हार का जिम्मेदार कौन? मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड के बारे में क्या? उत्तर बिल्कुल स्पष्ट है, लेकिन हमेशा की तरह मुझे लगता है कि वे इसे समझने से बचेंगे।” सिंह की यह टिप्पणी कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के यह कहने के एक दिन बाद आयी है कि पंजाब में, भले ही पार्टी ने एक विनम्र, स्वच्छ और जमीनी नेतृत्व प्रस्तुत किया, लेकिन यह अमरिंदर सिंह सरकार की 4.5 साल की सत्ता-विरोधी लहर को दूर करने में विफल रहा और लोगों ने बदलाव के लिए मतदान किया।”

    कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कल कहा था कि पंजाब में कांग्रेस ने एक साधारण पृष्ठभूमि वाले चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन अमरिंदर सिंह के करीब साढ़े चार साल के शासन को लेकर जो सत्ता विरोधी लहर थी, उससे पार्टी को नुकसान हुआ।

    सुरजेवाला ने कहा था, ‘‘पंजाब में लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है। हम विजेता को बधाई देते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘हम उत्तर प्रदेश, उत्तरराखंड, मणिपुर और गोवा में बेहतर चुनाव लड़े, लेकिन जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। हमें सीख लेनी है और कड़ी मेहनत करनी है। हम जातिवाद और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति से इतर जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़े, लेकिन भावनात्मक मुद्दे जनता से जुड़े मुद्दे पर हावी हो गए।”

    सुरजेवाला ने कहा, ‘‘पांच राज्यों के चुनाव परिणाम पार्टी की उम्मीदों के खिलाफ हैं। हम उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में अच्छे नतीजों की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हम स्वीकार करते हैं कि हम लोगों का आशीर्वाद पाने में नाकाम रहे।”  कांग्रेस को पंजाब विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त हार का सामना करना पड़ा। राज्य की 117 सदस्यीय विधानसभा में आप ने 92 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, कांग्रेस को केवल 18 सीटें मिलीं।