चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा बीएसएफ को दिए नए अधिकारों के लेकर पंजाब सरकार द्वारा बुलाये विधानसभा के सत्र के दौरान बड़ा बवाल हो गया है। शिरोमणि अकाली दल और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच झड़प हो गई है। वहीं इस दौरान बात लात घूसों तक आ गई। यह झड़प उस समय हुई जब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बोलने के लिए खड़े हुए।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान अकाली नेता विक्रम सिंह मजीठिया पर जोरदार हमला बोला। चन्नी ने भाषण देते हुए मजीठिया को नशे के कारोबार का सर्वेसर्वा बता दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “विक्रम सिंह मजीठिया आपका रोम-रोम गंदगी से जुड़ा है। आप नशे के कारोबार से जुड़े रहे हो।” मुख्यमंत्री के यह कहते ही अकाली भड़क गए और मुख्यमंत्री के चेयर के सामने आगए। वहीं कांग्रेस के विधायकों ने यह देखते ही चन्नी की सुरक्षा करते हुए घेरा बना लिया।
वहीँ सदन के अंदर विपक्षी दलों और सत्ता पक्ष के विधायको के बीच हुई इस झड़प को देखते हुए सदन की कार्रवाई 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। लेकिन विधायकों के बीच शुरू विवाद नहीं रुका, नेता एक दुसरे से लगातार उलझते रहे। मंत्री तृप्त सिंह बजवा ने जहां अपने विधायकों को शांत करने की कोशिश की, वहीं अकाली के नेता लगातार वेल में खड़े हुए हैं।
विपक्ष डरा हुआ है
विधानसभा के अंदर हुई इस झड़प को लेकर सिद्धू ने अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा, “पंजाब विधानसभा में आज का हंगामा जानबूझकर किया गया क्योंकि विपक्ष डरा हुआ है। चन्नी सरकार, पंजाब कांग्रेस लोगों के लिए काम कर रही है…जो भी घोषणा की गई है वह अगले 5 साल के लिए एक विजन है, न कि केवल 2-3 महीने।”
Today's ruckus in Punjab Assembly was deliberate as Opposition is scared. The Channi govt, Punjab Congress are working for the people…Whatever announcement has been made is a vision for the next 5 years, not just 2-3 months: Punjab Congress chief Navjot Singh Sidhu pic.twitter.com/kgDWsjHGhW
— ANI (@ANI) November 11, 2021
केंद्र के कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारी
विधानसभा चुनाव के पहले आयोजित इस सत्र में चन्नी सरकार ने बीएसएफ को मिले अधिकार के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। इस बात की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा, “पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 50 किमी बेल्ट तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। हम पंजाब की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और यदि आवश्यक हुआ तो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से संपर्क करेंगे।”