देहरादून: अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case) ने पूरे देश को दहला कर रख दिया है। सीएम धामी के आश्वासन के बाद कल अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया। इस घटना से उत्तराखंड समेत पूरे देश के लोगों में आक्रोश है। वहीं, सोमवार को अंकिता की मां का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, “सबसे पहले चाहती हूं कि फांसी हो जाए उन लोगों को… वो कहती थी कि मैं कमा के घर बनाऊंगी, पूरी सर्दियां हमने पत्थर इकट्ठे किए। कहती थी मम्मी दो कमरे बनाएंगे।”
कौन अपनी बेटी को घर से बाहर भेजेगा
अंकिता की मां ने यह भी कहा कि, “कोई मां बाप अपनी बेटी को पढ़ाए ही ना… इतनी मेहनत से मां-बाप ने अपनी बेटी को पढ़ाया और अब कौन अपनी बेटी को घर से बाहर भेजेगा। मुझे इन लोगों से डर लग रहा है, यह लोग बड़े लोग हैं और कुछ भी कर सकते हैं, मैं अपने बेटे को अब कहीं भी नहीं भेज सकती।”
‘एक बार मेरी बेटी को मुझे दिखाना चाहिए था’
अंकिता की मां ने उसके अंतविधि किए जाने पर बोला है। उन्होंने कहा कि, “एक बार मेरी बेटी को मुझे दिखाना तो चाहिए था कि वह किस हाल में है। मुझे नहीं पता यह फैसला किसका था, मुझे हॉस्पिटल में रखा था, मुझे तब पता चला जब उसको घाट पर ले गए थे तो उसका अंतिम संस्कार करने ले गए हैं। मैंने तो सुबह ही बोल दिया था कि जब तक मेरी बेटी की रिपोर्ट नहीं मिलेगी मैं यहां से हिलूंगी भी नहीं। मैंने अपनी बेटी को आखिरी बार देखा भी नहीं। अभी इसी भ्रम में जी रही हूं कि मेरी बेटी अभी है।”
वहीं, अंकिता हत्याकांड पर उसके पिता ने कहा कि, “कई दिन हो गए थे बॉडी खराब हो रही थी, इसलिए हमने अंतिम संस्कार कर दिया। हमने अस्पताल के बाहर एंबुलेंस रोकी थी अंकिता की मां को दिखाने के लिए, लेकिन फिर हमें बताया गया कि उन्हें दूसरे अस्पताल ले गए हैं और उनकी हालत सीरियस है।”