करगिल (लद्दाख). लद्दाख (Ladakh) स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद-करगिल चुनाव (Kargil Election) नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस (Congress) ने जीत लिया है। दोनों पार्टियों ने कुल 22 सीटें जीत ली है। जबकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सिर्फ 2 सीटें जीती है, वहीं 2 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतें है।
26 सीटों पर चुनाव हुआ था मतदान
गौरतलब है कि 4 अक्टूबर को 26 सीटों पर चुनाव हुआ था। प्रशासन 30-सदस्यीय लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी)-करगिल के लिए चार सदस्यों को मनोनीत करता है और उनके पास मतदान का अधिकार होता है।
#WATCH |Visuals of celebrations by Congress workers from Kargil
5th LAHDC Kargil elections update | National Conference and Congress combined won 19 seats, BJP won 2 seats and INDP won 1 seat. Results on 4 seats are yet to come pic.twitter.com/BWcRFPgV51
— ANI (@ANI) October 8, 2023
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अब तक 12 सीटें जीती, कांग्रेस 10
अधिकारियों के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अब तक 12 सीटें जीती हैं जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 10 सीटों पर फतह दर्ज की है। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो सीटों पर विजय हासिल की है, जबकि दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई है। चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था।
अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पहली बार हुआ चुनाव
केंद्र द्वारा पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने और लद्दाख को केंद्र-शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद करगिल में यह पहला अहम चुनाव है। एलएएचडीसी चुनाव में 77.61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के फिरोज अहमद खान की अध्यक्षता वाली मौजूदा परिषद ने एक अक्टूबर को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। नई परिषद 11 अक्टूबर से पहले गठित होगी।
इन पार्टियों ने आजमाई अपनी किस्मत
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने चुनाव से पहले गठबंधन की घोषणा की थी और क्रमश: 17 तथा 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। दोनों दलों ने कहा कि यह व्यवस्था उन इलाकों तक सीमित है, जहां भाजपा के साथ कड़ा मुकाबला है। पिछले चुनाव में एक सीट जीतने वाली भाजपा ने इस बार 17 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। आम आदमी पार्टी (भाजपा) ने भी चार सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई, जबकि 25 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे। इस चुनाव में पहली बार इलेक्ट्र्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल किया गया। (एजेंसी इनपुट के साथ)