लालू प्रसाद यादव (Photo Credits-ANI Twitter)
लालू प्रसाद यादव (Photo Credits-ANI Twitter)

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    पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की केंद्र की घोषणा को ‘‘किसानों की जीत” बताते हुए बुधवार को कहा कि अब केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाना चाहिए।

    राजद की रजत जयंती के अवसर पर यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कानून वापस लेने का फैसला किसानों की जीत है। नरेंद्र मोदी और अहंकार की हार हुई है। हालांकि, एमएसपी पर कानून बनने तक संघर्ष जारी रहेगा।‘‘

    लालू ने दावा किया कि राज्य और केंद्र में सत्तारूढ़ राजग हाल ही में किसानों द्वारा राजद को मिले भारी और अभूतपूर्व समर्थन से बौखला गया था।   उन्होंने कहा, ”हम (राजद) अगले विधानसभा चुनाव में राज्य में सरकार बनाएंगे।” प्रधानमंत्री मोदी ने गत शुक्रवार को घोषणा की थी कि केंद्र इस महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करेगा।

    राजद सुप्रीमो ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम अगले बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं को और अधिक संख्या में टिकट देंगे।” राजद प्रमुख ने बुधवार को पटना स्थित राजद के प्रदेश मुख्यालय परिसर में एक नवनिर्मित 6 टन वजनी विशाल लालटेन का भी अनावरण किया जोकि जो पार्टी का चुनाव चिन्ह है।

    इस अवसर पर बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बिहार को पिछले 15 वर्षों में पीछे धकेल दिया गया है पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू उनके 15 साल के शासन का जश्न मना रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश के 15 साल के शासनकाल के दौरान बिहार में एक भी कारखाना नहीं लगा।

    तेजस्वी ने कहा कि नीति आयोग की रैंकिंग में बिहार कहां है? यह नीचे से पहले नंबर पर है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी अनभिज्ञता जाहिर की। इससे पता चलता है कि सरकार लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए गंभीर नहीं है। वहीं, बिहार में सत्तारूढ़ जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 15 साल के शासन के उपलक्ष्य में बुधवार को राज्य में 40 स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर पर नीतीश और जदयू का पिछले वर्षों का रिपोर्ट कार्ड भी प्रस्तुत किया गया।(एजेंसी )