Sajjad Lone and Satyapal Malik
सज्जाद लोन और सत्यपाल मलिक

सज्जाद लोन ने सत्यपाल मलिक को कश्मीरियों की सार्वजनिक रूप से बदनामी शुरू करने वाला पहला व्यक्ति बताया और उन पर अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने में मदद करने का आरोप लगाया।

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श्रीनगर. अलगाववादी से नेता बने सज्जाद लोन (Sajjad Lone) ने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के अंतिम राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) को कश्मीरियों की सार्वजनिक रूप से बदनामी शुरू करने वाला पहला व्यक्ति बताया और उन पर अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने में मदद करने का आरोप लगाया। सज्जाद ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से समर्थन वापस लेने के बाद 2018 में सरकार बनाने का दावा करने का उनका प्रयास गंभीर नहीं था। सज्जाद वर्ष 2000 की शुरुआत से अपने पिता की हत्या तक अलगाववादी समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का हिस्सा थे।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि उनके पास संख्या बल नहीं था, लेकिन उन्होंने मलिक से संपर्क कर सरकार गठन के लिए कुछ समय मांगा था। मलिक ने दावा किया था कि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता 2018 में केवल छह विधायकों के साथ विधानसभा भंग होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। वर्ष 2018 में उनके द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने से पहले की पर्दे के पीछे की राजनीतिक चालबाजी पर प्रकाश डालते हुए मलिक ने दावा किया था कि सज्जाद ने उन्हें सूचित किया था कि उनके पास छह विधायक हैं।

मलिक ने कहा था, “…लेकिन (लोन ने) मुझसे कहा कि अगर आप मुझे शपथ दिलाएंगे तो मैं शपथ लूंगा और अपना बहुमत साबित कर दूंगा”। सज्जाद ने आरोप लगाया कि 2018 की घटनाओं पर मलिक द्वारा दिया गया विवरण अतिशयोक्तिपूर्ण था। उन्होंने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो हमारे पास संख्याएं नहीं थीं। यह एक वास्तविकता है। मैंने उन्हें (मलिक को) फोन किया और मैंने कहा कि सर क्या आप इंतजार कर सकते हैं मैं लंदन में हूं, उन्होंने कहा हम करेंगे।”

उन्होंने (मलिक ने) कहा था कि एक फैक्स भेजें और फिर फैक्स मशीन ने काम नहीं किया। यही वह हैं। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस नेता ने कहा, “फिर ये पूरा मामला बना। वह अब इस बारे में बात कर रहे हैं कि कैसे मुझे दावा पेश करने के लिए कहा गया। मैं मलिक को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं… एक व्यक्ति राज्यपाल था, एक विशेष सरकार द्वारा भेजा गया राज्यपाल।”

उन्होंने कहा, “एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास अनुच्छेद-370 को हटाए जाने का विरोध करने की हिम्मत नहीं थी और जिसने हर कदम पर ‘हां में हां’ मिलाया, उसके पास ‘नहीं, मैं सज्जाद को शपथ नहीं दिलाउंगा’ कहने की शक्ति होगी क्या, मुझे बताइए।” सरकार बनाने के लिए अपने कदम पर सज्जाद ने कहा कि यह कोई गंभीर प्रयास नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, “मैं (सिर्फ) स्थिति का परीक्षण कर रहा था, लेकिन मेरे पास बहुत से विधायक थे जो मुझे यह कहने के लिए बुला रहे थे कि आइए हम एक साथ हो जाएं।” पीपुल्स कॉन्फ्रेंस नेता ने आरोप लगाया कि मलिक कश्मीरियों की सार्वजनिक रूप से बदनामी शुरू करने वाले पहले व्यक्ति थे। (एजेंसी)