Naveen Patnaik
नवीन पटनायक ( फोटो क्रेडिट- @Naveen_Odisha)

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भुवनेश्वर: सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को विधानसभा चुनाव के लिए तीन और उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की तथा एक सीट पर उम्मीदवार बदल दिया। पार्टी ने इसके साथ ही राज्य की सभी 147 विधानसभा सीट के लिए सूची को अंतिम रूप दे दिया है। नए उम्मीदवारों में शामिल साबित्री प्रधान नयागढ़ जिले की खंडपाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी, जबकि संध्यारानी दास जाजपुर जिले के कोरेई विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। संध्यारानी दास बीजद के संगठन सचिव एवं लोकसभा उम्मीदवार प्रणब प्रकाश दास की मां तथा जनता दल के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत अशोक दास की पत्नी हैं।

बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद 31 मार्च को बीजद में शामिल हुए मौजूदा विधायक सुकांत नायक को नीलगिरि विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है। बीजद ने देवगढ़ विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार को बदल दिया है। अब इस सीट पर पूर्ववर्ती देवगढ़ रियासत के राजा एवं भाजपा के संबलपुर से सांसद नितेश गंगा देव की पत्नी बामंदा रानी अरुंधति देवी की जगह रोमंचा रंजन बिस्वाल चुनाव लड़ेंगे।

नवीन पटनायक ने भरा नामांकन

नवीन पटनायक ने राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में बोलांगीर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कांटाबांजी विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इसके दो दिन पहले उन्होंने गंजम जिले में अपनी पारंपरिक हिंजिली सीट से नामांकन पत्र दाखिल किया था। मुख्यमंत्री पटनायक ने टिटलागढ़ में उपजिलाधिकारी कार्यालय तक एक मार्च का नेतृत्व किया। उन्होंने बीजद नेता एवं अपने सहपाठी एयू सिंहदेव और पार्टी नेता वीके पांडियन की उपस्थिति में नामांकन दाखिल किया। पटनायक ने दूसरी सीट के रूप में कांटाबांजी को चुना है क्योंकि यह कालाहांडी, बोलांगीर और बारगढ़ जैसी तीन लोकसभा सीटों से जुड़ी हुयी है।

ये तीन लोकसभा सीटें 2019 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीती थीं। बीजद के अंदरूनी सूत्रों का मानना ​​है कि कांटाबांजी से चुनाव लड़ने के पटनायक के फैसले का क्षेत्र में, खासकर बोलांगीर जिले में बीजद की हिस्सेदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। कांटाबांजी सीट पिछली बार कांग्रेस उम्मीदवार एसएस सलूजा ने जीती थी। वर्ष 2019 के चुनावों में भी पटनायक ने दो सीटों – बीजेपुर और हिजिंली से चुनाव लड़ा था और दोनों में जीत हासिल की थी। हालांकि उन्होंने बीजेपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था और हिंजिली सीट बरकरार रखी थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)