West Bengal Panchayat Election
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव  (West Bengal Panchayat Election) के लिए नामांकन भरना चालू हो गया है। नामांकन के पहले ही दिन बंगाल में हिंसा हुई। वहीं, दूसरे दिन शनिवार को भी हिंसा और अराजकता का दौर जारी रहाइस दौरान विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और गुंडों ने उनके उम्मीदवारों को नामांकनपत्र दाखिल करने से रोका। 

जानकारी के मुताबिक, बांकुड़ा, पूर्व, पश्चिम बर्धमान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद जैसे कई जिलों से सत्ताधारी और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई होने और हिंसा की खबरें हैं।  नामांकनपत्र दाखिल करने के पहले दिन शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले में एक कांग्रेस नेता की कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हालांकि सत्तारूढ दल ने इन आरोपों से इंकार किया है। 

TMC नेता बंदूक के साथ गिरफ्तार

इस हिंसा के बाद पुलिस ने डोमकल में एक स्थानीय टीएमसी नेता बशीर मोल्ला के पास से एक तमंचा बरामद किया।  स्थानीय नेता के पास से हथियार बरामद होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हिंसा के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने इस मामले को लेकर मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है और इस संबंध में दो लोगों से पूछताछ की जा रही है।  

बंगाल भाजपा अध्यक्ष ने राज्यपाल को लिखा पत्र

इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और सांसद डॉ सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए आगामी पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती का अनुरोध किया है।  

मीडिया से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था बरकरार है, तो चुनाव नजदीक आने पर हत्याएं क्यों होती हैं? उन्होंने बताया कि हमने यह भी अनुरोध किया है कि चुनाव ड्यूटी पर किसी भी संविदा कर्मचारी को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और हमने मतदान केंद्रों के साथ-साथ मतगणना हॉल में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। 

अधीर रंजन चौधरी ने क्या कहा?

इसी बीच, बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया है कि शुक्रवार (9 जून) को खारग्राम में फूलचंद शेख को नजदीक से गोली मारी गई, इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।  उन्होंने यह भी कहा कि आगामी राज्य पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने का पहला दिन था, जो एक कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत के साथ शुरू हुआ।