Danapur court rejects the anticipatory bail plea of Kartikeya Singh, former state law minister.

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    पटना: बिहार (Bihar) के दानापुर कोर्ट ने अपहरण के मामले (Kidnapping Case) में राज्य के पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ इसी मामले में कथित तौर पर गिरफ्तारी वारंट जारी है। इससे पहले, सिंह ने कल बिहार के मंत्रिमंडल पद से इस्तीफा दे दिया। 

    गौरतलब है कि, अदालत ने आरजेडी विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के पुराने मामले में वारंट जारी किया था। जिसके बाद से वह विवादों में थे। इस मामले को लेकर भाजपा लगातार नीतीश कुमार वाली महागठबंधन सरकार पर हमला कर रही थी। इस विवाद के चलते नीतीश कुमार ने बुधवार को कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस कलिया था और उन्हें गन्ना उद्योग मंत्री का पद दिया था लेकिन शाम होते तक उन्होंने मंत्रिपद से अपना इस्तीफा दे दिया था। 

    अदालत ने जारी किया था वारंट 

    विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 16 अगस्त को अदालत ने आत्मसमर्पण (सरेंडर) करने का वारंट जारी किया था। सिंह के खिलाफ किडनैपिंग का मामला दर्ज है, कोर्ट ने इसी को लेकर उनके खिलाफ वारंट जारी किया था। लेकिन उन्होंने अदालत के सामने सरेंडर करने के बजाय वे 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने पहुंच गए थे। 

    16 अगस्त को ली थी मंत्रिपद शपथ 

    पता हो कि, सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ मिलकर दोबारा सरकार बनाई। जिसके बाद  कार्तिकेय सिंह ने 16 अगस्त को बिहार के कैबिनेट विस्तार में मंत्रिपद की शपथ ली थी। वे महागठबंधन के सरकार आरजेडी के कोटे से मंत्री बने थे। इसके बाद कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्रालय  गाय था। जिसके बाद से यह विवाद शुरू हो गया। 

    अदालत से मिली राहत 

    साल 2014  में कार्तिकेय सिंह पर अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। कार्तिकेय सिंह को बिहटा थाना क्षेत्र के बिल्डर राजू सिंह के अपहरण मामले में आरोपी बनाया गया था। यह भी मालूम हो कि, इस मामले में अनंत सिंह भी आरोपी हैं। अदालत ने इस मामले में कार्तिकेय सिंह के खिलाफ सरेंडर वारंट जारी किया था, लेकिन मंत्रिपद की शपथ लेने के बाद कार्तिकेय सिंह ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। 12  अगस्त को इस मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने सिंह की गिरफ्तारी पर 1 सितंबर 2022 तक रोक लगा दी थी।