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    हुबली (कर्नाटक): कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि अगर राज्य में विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद पार्टी सत्ता में आती है, तो उस स्थिति में मुख्यमंत्री के बारे में फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। शिवकुमार ने राज्य के लोगों और सभी राजनीतिक दलों को नए साल की शुभकामनाएं देते हुए कामना की कि कांग्रेस सत्ता में आए।

    उन्होंने कहा, “मैं मीडिया, राज्य के लोगों को नए साल की शुभकामनाएं देता हूं, मैं सभी राजनीतिक दलों को शुभकामनाएं देता हूं, लेकिन हमें (कांग्रेस को) सत्ता में आना चाहिए।” उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ”ऐसा नहीं है कि मुझे मुख्यमंत्री होना चाहिए, यह आलाकमान तय करेगा। मल्लिकार्जुन खरगे (कांग्रेस अध्यक्ष), राहुल गांधी और सोनिया गांधी फैसला करेंगे। वे जो भी निर्णय लेंगे, वह प्रसाद के समान है।” 

    शिवकुमार के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया भी पार्टी के राज्य की सत्ता में आने की स्थिति में मुख्यमंत्री बनने के आकांक्षी हैं। चुनाव पास आने के साथ ही, प्रतीत होता है कि दोनों नेता राजनीतिक रूप से एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए प्रयासरत हैं।     

    सिद्धरमैया और शिवकुमार दोनों नेताओं के समर्थक अक्सर अपने-अपने नेताओं को अगले मुख्यमंत्री के रूप में पेश करते रहे हैं। शिवकुमार ने महादयी नदी जल मुद्दे पर भाजपा को ‘झूठ का विश्वविद्यालय’ करार दिया और कहा, ‘‘साढ़े तीन साल तक, उन्होंने (भाजपा ने) महाराष्ट्र में अपनी सरकार रहने के बावजूद कुछ नहीं किया… उन्होंने गोवा में ‘ऑपरेशन लोटस’ के जरिए हमारे ज्यादातर विधायकों को अपने साथ मिला लिया और वहां भी सत्ता में हैं…।

    उन्होंने कहा कि राज्य से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 25 सांसद होने के बावजूद, उन्होंने काम शुरू करने के लिए एक बार भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से मुलाकात नहीं की।  कांग्रेस नेता ने सत्तारूढ़ भाजपा से सवाल किया, “आपको (कर्नाटक सरकार को) अपने राज्य में, अपने पैसे से काम करने से कौन रोक रहा है।”