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बेंगलुरु. जनता दल (सेक्युलर) ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को 50 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। हासन सीट को लेकर तमाम अटकलों को खत्म करते हुए पार्टी ने जद(एस) के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की बहू भवानी रेवन्ना की जगह एच पी स्वरूप को मैदान में उतारा है।

भवानी हासन से चुनाव लड़ने पर जोर दे रही थीं। पार्टी ने शुरू में 49 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की, लेकिन बाद में एक और नाम जोड़ा। हासन सीट विवाद का एक प्रमुख मुद्दा बन गई थी क्योंकि भवानी ने आखिरी समय तक इस सीट पर अपना दावा छोड़ने से इनकार कर दिया। हालांकि, जद(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने बार-बार स्पष्ट किया था कि उन्हें इस सीट से नहीं उतारा जाएगा।

कुमारस्वामी ने कहा था कि किसी ‘‘वफादार पार्टी कार्यकर्ता” को इस सीट पर उतारा जाएगा। हासन जिला पंचायत की पूर्व सदस्य भवानी रेवन्ना, कुमारस्वामी के बड़े भाई एच डी रेवन्ना की पत्नी हैं।

भवानी को अपने पति के साथ-साथ अपने बेटों प्रज्वल रेवन्ना और सूरज रेवन्ना का समर्थन प्राप्त था। प्रज्वल लोकसभा में हासन सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि सूरज विधान पार्षद हैं। अपने भाई रेवन्ना के साथ मौजूद कुमारस्वामी ने हासन सीट से उम्मीदवार के रूप में स्वरूप के नाम की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘रेवन्ना और भवानी की सहमति तथा एच डी देवेगौड़ा के आशीर्वाद से नाम को अंतिम रूप दिया गया है।”

कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘भवानी रेवन्ना ने आज सुबह मुझसे बात की। रेवन्ना और मैंने चर्चा की और निर्णय लिया…जैसा कि रेवन्ना ने कल कहा था, परिवार में कोई मतभेद नहीं है जैसा कि मीडिया में अटकलें लगायी जा रही थीं। रेवन्ना और भवानी रेवन्ना की सहमति से हासन का उम्मीदवार तय किया गया है।”

हासन से टिकट को लेकर देवेगौड़ा परिवार के भीतर दरार इस हद तक बढ़ गई थी कि कुमारस्वामी ने महाभारत में वर्णित ‘कुरुक्षेत्र’ की लड़ाई का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि कुछ ‘शकुनी’ उनके भाई रेवन्ना को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं। हासन देवेगौड़ा का गृह जिला है, और 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने हासन विधानसभा सीट को छोड़कर सात में से छह क्षेत्रों में जीत हासिल की थी। हासन सीट पर भाजपा के प्रीतम गौड़ा को जीत मिली थी।

वोक्कालिगा समुदाय बहुल जिला में भाजपा की यह पहली जीत थी। सूची में शामिल अन्य नामों में मौजूदा विधायक एच डी रेवन्ना (होलेनरसीपुरा), के एस लिंगेश (बेलूर), एच के कुमारस्वामी (सकलेशपुर) और सी एन बालकृष्ण (श्रवणबेलगोला) शामिल हैं। वाई एस वी दत्ता को कडूर से मैदान में उतारा गया है। दत्ता ने जद (एस) छोड़ दिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन हाल में टिकट से इनकार किए जाने के बाद पार्टी में लौट आए।

हाल में जद(एस) में शामिल हुए पूर्व मंत्री ए मंजू को अरकलागुडु से मैदान में उतारा गया है। वह पूर्व में कांग्रेस और भाजपा, दोनों में रह चुके हैं। सुभाष चंद्र राठौड़ को चित्तपुर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है। राठौड़ गडग के प्रथम श्रेणी के प्रधान दिवानी न्यायाधीश और न्यायिक मजिस्ट्रेट थे, जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना पद छोड़ दिया था। सिंदगी के प्रत्याशी शिवानंद पाटिल सोमजाला के निधन के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी विशालाक्षी शिवानंद को उम्मीदवार बनाया है। जद(एस) ने दिसंबर में 93 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची की घोषणा की थी। (एजेंसी)