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कॉल कर बुजुर्ग से ठगे 36 लाख रुपये

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नई दिल्ली/नूंह: अगर आपको भी प्रिया, पूजा और रश्मि जैसे सुंदर-सुंदर नामों वाली लड़कियों के नाम से मीठी-मीठी आवाज में कॉल और वीडियो कॉल आते हैं। तो जनाब! होशियार जल्द ही  आपकी जेब कट सकती है या फिर आपको ‘अश्लील वीडियो’ के नाम पर धमकियां मिल सकती हैं।  

अश्लील चैट में फंसाकर पैसे ऐंठने का कांड

दरअसल हरियाणा पुलिस ने नूंह में वीडियो कॉल के जरिए लोगों को अश्लील चैट में फंसाकर लोगों से पैसे ऐंठने के आरोप में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। पता चला कि यह आरोपी लड़कियों के नाम पर सोशल मीडिया साइट्स पर अकाउंट बनाते थे, फिर लोगों को वीडियो कॉल करते थे और उन्हें अश्लील चैट में फंसाते थे। 

राजस्थान में बीते 2 साल से चल रहा कांड

बाद में अश्लील वीडियो में फंसाकर इन बेकसूर लोगों को धमकियां दी जाती थीं कि उनके वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए जाएंगे। ऐसे में बदनामी के डर से तमाम लोग आरोपियों को पैसे भी भेज देते थे। वीडियो कॉल पर ब्लैकमेलिंग करने वाले आरोपियों की पहचान मोहम्मद साद, अमीन, दिलशाद, हुसैन और जाहिद के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से 8 मोबाइल फोन और 10 सिम कार्ड भी जब्त किए हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी राजस्थान के डीग, अलवर और भरतपुर जिलों के रहने वाले हैं और अंतरराज्यीय गिरोह बनाकर बीते दो साल से लोगों के साथ ठगी कर रहे थे। आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

बुजुर्ग से लुटे 36 लाख रुपए से ज्यादा 

इस बात पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने जानकारी दी कि, नूंह में  सेक्टर-13 निवासी एक बुजुर्ग को लड़की ने एक वीडियो कॉल किया और उसके बाद अश्लील वीडियो बना लिया था, जिसके आधार पर उन्हें ब्लैकमेल कर पैसों की मांग की जा रही थी। उनके अनुसार, बाद में पीड़ित बुजुर्ग ने साइबर अपराध थाना में FIR दर्ज कराई थी। 

वहीं पुलिस अधीक्षक ने शिकायत के हवाले से बताया कि ठगी के इस मामले में अलग-अलग फोन नंबर से कॉल कर अश्लील वीडियो को यूट्यूब से हटाने के नाम पर अपराध शाखा, दिल्ली में निरीक्षक और CBI का अधिकारी बताकर बीते 17 और 18 जनवरी को दो दिन के अंदर 36 लाख 84 हजार 300 रुपये भी ट्रांसफर कराए गए थे। 

सोशल मीडिया से सावधान 

SP वरुण सिंगला ने बताया कि वारदात के 48 घंटे के भीतर ही इन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। वहीँ पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपियों को दरअसल सोशल मीडिया से साइबर ठगी का विचार आया और उन्होंने पैसे ऐंठने के लिए बाकायदा एक अंतरराज्यीय गिरोह ही बना लिया।