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Pic: Social Media

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इंफाल: मणिपुर में पिछले दो महीनों से जारी हिंसा (Manipur Violence) रोकने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच सामने आए दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले ने देश में नया मोड़ ला दिया है। इस विडियो के बाद से सरकार पर सवाल खड़े हो रहे है दिन-ब-दिन यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच, मणिपुर पुलिस के कहना है कि इस मामले में सभी चार आरोपियों को 11 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। मई शुरुवात से जारी इस हिंसा में अब तक इस जातीय हिंसा में अब तक 160 से अधिक लोगों की जान गई है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि इस मामले में सभी चार आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।  बता दें कि यह वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन में आते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं, मणिपुर पुलिस ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा था कि राज्य पुलिस अन्य दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। छापेमारी जारी है। 

पुलिस ने बताया कि आक्रोशित भीड़ ने शुक्रवार दोपहर को एक अन्य संदिग्ध के घर को जला दिया है। उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध का मकान थोउबल जिले के वांगजिंग में था। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘संदिग्ध को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह पता चलने पर कि पुलिस उसकी तलाश कर रही है, वह फरार हो गया।”घटना के संबंध में शिकायत करीब एक माह पहले 21 जून को कांगपोकपी जिले के सैकुल थाने में दर्ज कराई गई थी।

अब तक 160 लोगों की गई जान 

उल्लेखनीय है कि मणिपुर मई की शुरुआत से ही जातीय संघर्ष की चपेट में है। तीन मई को यह जातीय हिंसा शुरू हुई थी जिसमें 160 से अधिक लोगों की जान चली गयी जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। तीन मई को मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग के खिलाफ पर्वतीय जिलों में ‘ट्राइबल सोलिडारिटी मार्च’ का आयोजन किया गया था। जिसके बाद यह संघर्ष शुरू हुआ।