Karnataka-Maharashtra Border : Ruckus on CM Bommai's statement to include 40 villages of Maharashtra in Karnataka, Congress leader Nana Patole told this to the government
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    बेलागावी. कर्नाटक विधानसभा ने शिवाजी महाराज और संगोली रायन्ना की प्रतिमाओं को विरूपित करने और कन्नड़ ध्वज को जलाने संबंधी हालिया घटनाओं की निंदा करते हुए सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया और कहा कि ऐसी घटनाओं को देशद्रोह माना जाएगा तथा इनमें शामिल लोगों के खिलाफ ”गुंडा अधिनियम” के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    प्रस्ताव पेश करने वाले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने स्पष्ट किया कि कर्नाटक की सीमा का एक इंच भी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र के कुछ हिस्से कन्नड़ राज्य में शामिल होना चाहते हैं और इस संबंध में प्रस्ताव पारित होना चाहिये, तो उनकी सरकार इसके लिए तैयार है। उन्होंने यह घोषणा भी की कि यहां सुवर्ण विधान सौध में स्वतंत्रता सेनानियों कित्तूर चेन्नम्मा व संगोली रायन्ना की एक प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

    बोम्मई ने कहा, ”सरकार का स्पष्ट रूख है कि सीमा मुद्दे पर महाजन रिपोर्ट अंतिम है, फिर भी कुछ व्यक्ति और संगठन बार-बार शांति भंग कर रहे हैं और यह निंदनीय है। यह सदन सर्वसम्मति से इस तरह के कृत्यों की निंदा करता है और इसमें शामिल बदमाशों को दंडित करने का फैसला करता है।”

    विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान अपने जवाब के बाद प्रस्ताव को पढ़ते हुए उन्होंने कहा, सदन हाल में संगोली रायन्ना और शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं को विरूपित करने, कन्नड़ ध्वज जलाने, जगज्योति बसवेश्वर का अपमान करने की निंदा करता है। और ऐसी घटनाओं को देशद्रोह का कार्य माना जाएगा तथा इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। बोम्मई ने कहा कि इन घटनाओं का विवरण केंद्रीय गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया जाएगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा, ”कर्नाटक सरकार दोनों राज्यों (महाराष्ट्र के साथ) के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध चाहती है, लेकिन इस तरह की शरारती गतिविधियों के कारण शांति भंग होती है और इस तरह की शरारती गतिविधियों को राज्य की सीमाओं के बाहर भी नियंत्रित करने की आवश्यकता है।”

    मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने इसे मतदान के लिए रखा और इसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) के एक नेता पर स्याही फेंकने, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कर्नाटक के झंडे को जलाने और शिवाजी महाराज और संगोली रायन्ना की प्रतिमाओं को विरूपित करने की घटनाओं ने सीमावर्ती जिले बेलगावी में गुस्सा पैदा कर दिया था।

    महाराष्ट्र का दावा है कि यह जिला उससे संबंधित है। इससे पहले अपने जवाब के दौरान, बोम्मई ने कहा कि बेलगावी एक महत्वपूर्ण सीमा क्षेत्र है । यह क्षेत्र निवेश के लिए सभी आवश्यक संसाधनों से भरपूर है और इसका रणनीतिक महत्व है। हिंसा के माध्यम से अस्थिरता पैदा करने का कोई भी प्रयास निंदनीय है। बोम्मई ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र बार-बार राजनीति के लिए महाजन रिपोर्ट के बावजूद सीमा विवाद को जीवित रखने का प्रयास कर रहा है।

    उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर भाषाई तनाव पैदा करने का प्रयास किया गया है, जिसमें महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) का भी निर्माण हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा, ”बेलगावी कर्नाटक का दूसरा शक्ति केंद्र है और जब तक सूर्य तथा चंद्रमा रहेंगे, तब तक यह कर्नाटक और कन्नड़ का हिस्सा रहेगा। सुवर्ण विधान सौध इसका प्रमाण है। इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।” (एजेंसी)