पद्म श्री विजेता कर रहा मजदूरी, एक करोड परिवार पर खत्म, अब दो वक्त की रोटी के लाले 

Loading

हैदराबादः दो साल पहले दुर्लभ संगीत वाद्ययंत्र किन्नेरा को नया जीवन देने के लिए पद्म श्री विजेता दर्शनम मोगुलैया (Darshanam Mogilaiah) को गुजर बसर करने के लिए अब हैदराबाद के पास एक निर्माण स्थल पर मजदूरी के काम करने पड़ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 73 वर्षीय कलाकार किन्नेरा कोे सरकार से मिले एक करोड़ रुपये पारिवारिक आपात स्थिति पर खर्च करने पड़े। अब वह दो वक्त की रोटी के लिए मजदूरी करने को तैयार है। लेकिन फिर भी उन्हें काम नहीं मिल रहा हैं। 

सरकार ने 10 हजार रुपये मानदेय भी किया बंद 

अपने दुर्दिन वह कहते पाए गए मैंने उस पैसे (1 करोड़ का राज्य अनुदान) का इस्तेमाल अपने बच्चों की शादियों के लिए किया। मैनें शहर के बाहरी इलाके तुर्कमयजल में जमीन का एक टुकड़ा भी खरीदा। इस पर एक घर बनाना शुरू  कर दिया था लेकिन पैसे खत्म हो जाने के कारण मुझे इसे बीच में ही रोकना पड़ा। मोगुलैया के लिए स्थिति तब खराब हो गई जब राज्य ने 10 हजार रुपये का मासिक मानदेय बंद कर दिया। उन्होंने कहा, मै मदद के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहा हूं और जनप्रतिनिधियों से मिल रहा हुं। सभी सकारात्मक प्रतिक्रिया देते है लेकिन कुछ नहीं करते 

बेटे की दवा तक के पड़े लाले 

9 बच्चों के पिता दर्शनम मोगुलैया की दिक्कतें यहीं खत्म नहीं होती। वह कहते हैं, मेरे एक बेटे को दौरे पड़ते हैं। उसकी और अपनी दवांओं के लिए ही अकेले मुझे कम से कम 7 हजार रुपये प्रति माह की जरुरत होती हैं। फिर नियमित चिकित्सा परिक्षण और अन्य खर्चे हैं। गौरतलब हों कि 1 करोड़ नकद अनुदान के अलावा राज्य सरकार ने पद्म श्री प्राप्त कलाकार को हैदराबाद के पास रंगारेड्डी जिलें में 600 वर्ग गज का प्लाॅट देने का भी वादा किया था जो अभी तक पूरा नहीं हुआ उनका कहना है कि वह जहां भी काम मांगने जाते है लोग मुझे सांत्वना तो देते है लेकिन नियमित रोजगार नहीं मिल पा रहा है।