Himanta Biswa Sarma
असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा

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गुवाहाटी. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने असम (Assam) के करीमगंज जिले के माध्यम से बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की घुसपैठ को चिंताजनक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस संबंध में त्रिपुरा सरकार के साथ काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने बोंगाईगांव में पुलिस अधीक्षकों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “रोहिंग्या घुसपैठ चिंताजनक है। दलालों का एक नेटवर्क है जो रोहिंग्याओं को त्रिपुरा और वहां से असम और देश के बाकी हिस्सों में लाते हैं। हमारी पुलिस अब त्रिपुरा में उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार के साथ काम कर रही है।”

इस बीच त्रिपुरा पुलिस ने कहा, “त्रिपुरा पुलिस अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में रोहिंग्या सहित अवैध प्रवासन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। इस साल, जून तक, रोहिंग्या और सीमा दलालों/सुविधाकर्ताओं सहित कुल 354 अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार किया गया है।”

सीएम सरमा ने कहा, स्थिति चिंताजनक है और बिना वैध कागजात के देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। हमने पहले ही केंद्र को सूचित कर दिया है और त्रिपुरा सरकार के सहयोग के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों से मदद मांगी है।”

सरमा ने कहा, “रोहिंग्या असम के लिए कोई खतरा नहीं है क्योंकि वे यहां नहीं रह रहे हैं। लेकिन वे असम को यात्रा मार्ग के रूप में उपयोग कर रहे हैं और यह देश के लिए खतरा है। अगर कोई विदेशी नागरिक बिना पासपोर्ट और वीजा के आता है, यह हमारी संप्रभुता के लिए खतरा है। जो कोई भी अवैध रूप से देश में प्रवेश किया है, चाहे वह रोहिंग्या हो या गैर-रोहिंग्या, चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम, अवैध है और हम अवैधता को बढ़ावा नहीं दे सकते।”

इससे पहले शुक्रवार को असम के मुख्यमंत्री ने कहा था कि बांग्लादेश के रोहिंग्या घुसपैठियों की ओर से दिल्ली या कश्मीर जाने के लिए राज्य का इस्तेमाल गलियारे के रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने इसे रोकने के लिए पहले ही कुछ कदम उठाए हैं, जबकि करीमगंज के पुलिस अधीक्षक को घुसपैठ रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि बराक घाटी के तीन जिलों के अधिकारियों को सक्रिय रहना चाहिए और हमें केवल घुसपैठियों को ही निर्वासित नहीं करना चाहिए, बल्कि त्रिपुरा जाना चाहिए, दलालों को गिरफ्तार करना चाहिए और इस गिरोह की रीढ़ तोड़नी चाहिए।