राजनीति से खत्म हो वंशवाद, युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित सिंह की अपील

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नवभारत न्यूज नेटवर्क: बिहार के सीएम नीतीश कुमार की नई ‘करवट’ या यूं कहें कि सियासी दांव की वजह से बिहार एक बार फिर चर्चा में आ गया है। करीब 16 महीने पहले बीजेपी को कोसते हुए लालू यादव के पुत्र तेजस्वी के साथ सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार ने फिर से यू-टर्न ले लिया और बीजेपी की मदद से नौवीं बार बिहार के सीएम बनकर सभी को चौंका दिया। बिहार और देश के ऐसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर ‘युवा चेतना’ संगठन के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह से बातचीत के कुछ अंश-

Q – नीतीश के हालिया दलबदल को आप किस तरह से देखते हैं?
– नीतीश पर राम की कृपा हुई है और उन्हें बहुत जल्दी तथा सही समय पर सद्बुद्धि आ गई। लालू यादव, तेजस्वी यादव के राज में बिहार एक बार फिर से अपराध के दलदल में जाने से बच गया। बिहार की प्रगति रुक गई थी। जनता संतुष्ट नहीं थी। बिहार पर विपत्तियां मंडराने लगी थीं, लेकिन अब बिहार एक बार फिर से प्रगति के पथ पर चलेगा, जनता भयमुक्त एवं संतुष्ट रहेगी। मैं नीतीश की एनडीए में वापसी को सकारात्मक नजरिए से देखता हूं। 

Q – राम मंदिर उत्सव को भाजपा ने सियासी इवेंट बना दिया?
– ये सब अनर्गल बातें हैं। बाबर ने हिंदुओं के परम पूज्य भगवान श्रीराम का मंदिर ध्वस्त कर दिया। करीब 500 साल हो गए, इस दौरान कई सरकारें और प्रधानमंत्री आए-गए लेकिन कोई मंदिर का पुनर्निर्माण नहीं करा पाया। पीएम मोदी ने ऐसा माहौल बनाया और हिम्मत दिखाई, जिससे राम मंदिर बन कर तैयार हुआ और देश के करोड़ों हिंदुओं को स्वाभिमान के साथ उत्सव मनाने का अवसर मिला। अब से देश में हर साल दो बार दिवाली मनाई जाएगी। तो वहीं कांग्रेस और सोनिया गांधी हमेशा से राम और हिंदुत्व विरोधी रही हैं। राम मंदिर का न्योता मिलने के बाद भी सोनिया और उनके सहयोगियों ने अयोध्या जाने से इंकार कर दिया। यदि सोनिया को ऐसा ही कोई न्योता वेटिकन सिटी (ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप का निवास स्थान) से आया होता तो क्या वो इंकार करतीं?      

Q – एमपी और महाराष्ट्र में दल-बदल के बाद बिहार की सियासी नौटंकी, क्या देश की राजनीति के अवसरवाद का दल-दल बन गई है?
– मैं किसी दल प्रवक्ता, कार्यकर्ता या समर्थक नहीं हूं लेकिन मैं राजनीति में परिवारवाद का घोर विरोधी हूं। मैं चाहता हूं कि राजनीति से परिवारवाद खत्म होना चाहिए। राजा का बेटा ही राजा बने, ऐसा नहीं होना चाहिए। नए व योग्य लोगों को अवसर मिलना चाहिए। इससे तेज का विकास होगा और भ्रष्टाचार खत्म होगा। 

Q – विकास की बात करें, तो देश का कुल विदेशी कर्ज 205 करोड़ के पार पहुंच गया। विश्व बैंक ने देश के दिवालिया होने की चेतावनी दे चुका है। 
– इस बारे में मैं बहुत अधिक नहीं जानता, लेकिन जितना मैंने पढ़ा है और दुनियाभर की एजेंसियों के हवाले से मीडिया में जो खबरें आती हैं, उससे ये साबित होता है कि बीते दस वर्षों में भारत में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भारत दुनिया की पांचवी प्रमुख अर्थव्यवस्था बन चुका है तथा बहुत जल्द इसके तीसरी प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीदें जताई जा रही हैं। 

Q – क्या केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है?
– इस तरह के आरोप वही लोग लगा रहे हैं, जिन्होंने सेवा के अवसर को दोनों हाथों से कमाई करने के लिए इस्तेमाल किया था। भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ जब आज कानून का डंडा चल रहा है और देश उनसे हिसाब ले रहा है, तो वे अन्याय होने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि हकीकत में उन्हें बहुत पहले जेल में होना चाहिए था।