Bandi Sanjay Kumar
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हैदराबाद. दसवीं कक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में जमानत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष बंडी संजय कुमार को जेल से रिहा कर दिया गया है। इस बीच जेल से बाहर आने के बाद शुक्रवार को संजय कुमार ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर आर के बेटे एवं मंत्री केटी रामा राव को टीएसपीएससी पेपर लीक के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि उनके कारण 30 लाख छात्रों का जीवन बर्बाद हो गया।

बंदी संजय कुमार ने कहा, “तेलंगाना में टीएसपीएससी पेपर लीक के बाद करीब 30 लाख छात्रों की जिंदगी बर्बाद हो गई है और इसका मुख्य कारण सीएम का बेटा है। 30 लाख छात्रों का जीवन बर्बाद करने के लिए सीएम के बेटे को निलंबित किया जाना चाहिए। प्रत्येक छात्र को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि देनी चाहिए। हम सिटिंग जज से जांच की भी मांग करते हैं।”

तेलंगाना बीजेपी प्रमुख ने कहा, “उस मुद्दे (टीएसपीएससी पेपर लीक) को भटकाने के लिए सीएम पेपर लीक के नाम पर साजिश कर रहे हैं। हिंदी का पेपर कौन लीक करेगा? हिंदी के पेपर से पहले तेलुगु का पेपर लीक हुआ था, उसकी कोई जांच नहीं हुई है। केंद्र के अंदर मोबाइल कौन ले गया, निरीक्षक क्या कर रहा है, दस्ते को क्या हुआ, पुलिस कहां है? इसकी जांच होनी चाहिए।”

कुमार ने कहा, “आपका (केसीआर) परिवार ‘लीकर’ (शराब) और ‘लीकर’ (पेपर लीक के संदर्भ में) परिवार है। कुमार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार तेलंगाना राज्य सेवा आयोग (टीसीपीएससी) पेपर लीक मामले पर से ध्यान हटाने की कोशिश कर ही है।”

भाजपा नेता ने वारंगल के पुलिस आयुक्त ए. वी. रंगनाथ को चुनौती दी कि वे अपनी टोपी पर भारतीय प्रतीक (तीन शेर) की कसम खाएं कि उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सच था। उन्होंने दावा किया कि पुलिस आयुक्त को पेपर लीक और कदाचार के बीच का फर्क नहीं पता। भाजपा के नेता ने पूछा कि अगर किसी ने उनके मोबाइल फोन पर लीक हुआ पेपर भेज दिया है तो इससे मामले से उनका क्या नाता हो सकता है। उन्होंने पुलिस पर गिरफ्तारी से पहले नोटिस जारी न करने का आरोप भी लगाया। कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी टीसीपीएससी पेपर लीक मामले के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन करेगी।

गौरतलब है कि करीमनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के सदस्य संजय कुमार को तेलंगाना में 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा का एक प्रश्नपत्र एक ‘इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप’ के विभिन्न समूहों पर प्रसारित होने के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया है। वारंगल पुलिस ने पांच अप्रैल को आपराधिक साजिश, कदाचार सहित विभिन्न आरोपों में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। हनमकोंडा जिले के प्रधान न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कुमार को गुरुवार रात 20 हजार रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतदारों की शर्त पर जमानत दे दी थी।

उल्लेखनीय है कि वारंगल की एक स्थानीय अदालत में सांसद और मामले में गिरफ्तार अन्य तीन लोगों को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। हनमकोंडा में परीक्षा स्थल से प्रश्नपत्र की तस्वीर लेने वाले नाबालिग लड़के को भी हिरासत में ले लिया गया है। उसे दो आरोपियों ने कथित तौर पर ऐसा करने को कहा था।