पश्चिम बंगाल के बर्धमान में तीन किसानों ने की आत्महत्या, तूफ़ान से फसल हो गई थी ख़राब

    Loading

    कोलकाता: पश्चिम बंगाल में किसानों की हालात लगातार बिगड़ती जा रही है। आए दिन आने वाले तूफान और फसल की सही कीमत नहीं मिलने के कारण आये दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं।  बंगाल के धान कटोरा कहे जाने वाले बर्धमान जिले में तीन और किसानों ने आत्महत्या कर ली है।  मृत किसानों के परिवारों ने दावा किया कि चक्रवात जवाद के कारण हुई बेमौसम बारिश के कारण आलू और धान की फसल नष्ट होने के बाद आत्महत्या की है, जबकि जिला प्रशासन घटनाओं की जांच कर रहा है।

    रैना एक प्रखंड के देबीपुर और बंटीर गांव में शनिवार को दो किसान अपने घरों में फंदे से लटके मिले. कलना द्वितीय प्रखंड के बिरुहा गांव में शुक्रवार को एक अन्य किसान अपने घर में फांसी पर लटका मिला। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए बर्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया गया है।

    जिलाधिकारी प्रियंका सिंगला ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है। हालांकि रैना प्रथम ब्लॉक बीडीओ सौमेन बानिक ने कहा कि प्रारंभिक जांच के बाद पता चला है कि आत्महत्या फसल के नुकसान के कारण नहीं हुई थी, और पुलिस और कृषि विभाग को घटनाओं की आगे की जांच करने के लिए कहा गया है।

    राज्य सरकार के कृषि सलाहकार प्रदीप मजूमदार ने कहा कि किसानों की आत्महत्या फसल खराब होने के कारण नहीं हुई होगी क्योंकि उन्हें एक सप्ताह पहले ‘कृषक बंधु’ योजना के तहत आर्थिक मदद मिली थी। वहीं  रैना विधायक शंपा धारा ने यह भी दावा किया कि मौतें फसल खराब होने के कारण नहीं हुई हैं।

    ज्ञात हो कि, चक्रवात जवाद से हुए नुकसान के कारण बंगाल के कई जिलों से लगातार किसान आत्महत्या की खबरे सामने आ रही है। सात दिसंबर 2021 को पूर्वी मेदिनीपुर में भी फसल बर्बाद होने के कारण किसान ने आत्महत्या कर ली थी। परिवार ने फसल के नुकसान होने पर सरकार द्वारा किसी भी तरह की सहायता नहीं मिलने के कारण आत्महत्या करने का दावा किया था।