septic tank Cleaning
प्रतीकात्मक तस्वीर

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नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक मकान के सीवर में सफाई करने उतरे दो मजदूरों की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। नोएडा सेक्टर-20 थाना प्रभारी निरीक्षक डी.पी. शुक्ल ने बताया कि सेक्टर 26 के ए- ब्लॉक में रहने वाले एक व्यक्ति के घर में शनिवार सुबह दो मजदूर सीवर की सफाई करने के लिए आए थे। उन्होंने बताया कि सफाई करते समय दोनों जहरीली गैस की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई है।

मृतकों की पहचान नूनी मंडल और तपन मंडल के रूप में हुई, जो सेक्टर नौ के रहने वाले थे। शुक्ल ने बताया कि घटना के बाद काफी संख्या में सफाई कर्मी मौके पर पहुंच गये और पुलिस से मकान मालिक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। सफाईकर्मियों ने मृतकों को मुआवजा दिये जाने की भी मांग की है। सफाई कर्मियों ने बताया कि सेफ्टी टैंक संकरी गली में बना था और वहां सुरक्षा संबंधी कोई उपाय नहीं किये गये थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही मजदूरों ने सेफ्टी टैंक खोला उसमें से जहरीली गैस निकली, जिसकी चपेट में आने से दोनों मजदूरों की मौत हो गयी।

लखनऊ में भी हुई थी ऐसी घटना

कुछ दिनों पहले यूपी की राजधानी लखनऊ में इसी तरह का बड़ा हादसा हुआ था। सीवर की सफाई करने के लिए 20 फीट गहराई में उतरने के बाद दो लोग अंदर बेहोश हो गए और बाद में जब तक उन्हें निकला जाता उनकी जान चली गई थी। सीवर की सफाई करने उतरे दोनो मजदूरों बिना सेफ्टी इक्विपमेंट के अंदर गए थे। दोनों मजदूर नगर निगम में संविदा कर्मचारी थे।

गौरतलब हो कि जनवरी महीने में योगी सरकार ने शहरों में सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मचारियों को लेकर बड़ा ऐलान किया था। योगी सरकार ने सीवर और सैप्टिक टैंक में काम करने के दौरान किसी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिजनों को 30 लाख रुपये देने का निर्णय लिया था। जबकि काम के दौरान अगर शख्स पूरी तरह से अपाहिज हो जाता है तो उसे 20 लाख रुपये और आंशिक रूप से अपंग होने पर 10 लाख रुपये की राशि देने का निणर्य लिया था। (भाषा इनपुट के साथ)