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  • 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर में इंटीग्रेशन के लिए कैमरों को किया गया चिन्हित
  • सेफ सिटी परियोजना के तहत होगी 2324 डार्क स्पॉट स्ट्रीट लाइट 
  • पेट्रोलिंग के लिए चिन्हित किए गए 1861 कैमरे
लखनऊ: प्रदेश में सेफ सिटी परियोजना (Safe City project) को धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार की ओर से युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। परियोजना के तहत सेफ सिटी पर पैनी नजर रखने के लिए करीब 22 हजार कैमरों (22 Thousand Cameras) की पहचान की गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप गृह विभाग ने सेफ सिटी परियोजना के पहले चरण के तहत 17 नगर निगमों व गौतमबुद्धनगर में इन्टीग्रेशन के लिए 21,968 कैमरों की पहचान की है, जिसमें से 15,732 को कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट किया जा चुका है। इसके अलावा नये कैमरों के लिये 4,150 हॉट स्पॉट चिन्हित किये गये हैं। यहां नये कैमरे लगाने का काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही 1861 हॉट-स्पॉट को चिन्हित कर 656 पीआरवी द्वारा पेट्रोलिंग करायी जा रही है। इस दौरान 2324 डार्क स्पॉट्स को भी चिन्हित किया गया है, जिसमें से 1416 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट स्थापित की जा चुकी है।

15 हजार से अधिक सीसीटीवी को आईसीसीसी और आईटीएमएस से जोड़ा गया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेफ सिटी परियोजना को लेकर हाल ही में गृह विभाग के साथ समीक्षा बैठक की थी, जिसमें उन्हे गृह विभाग के अधिकारियों ने प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने परियोजना से जुड़े गृह विभाग के शेष बचे कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। सेफ सिटी परियोजना पर सीएम की इसी मंशा के अनुरूप तेजी से कार्य किया जा रहा है। इनमें सरकारी और निजी सीसीटीवी, अंधेरे वाले स्थानों, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था वाले स्थानों की पहचान का काम डेडलाइन के तहत पूरा कर लिया गया है। गृह विभाग द्वारा 17 नगर निगम और गौतमबुद्ध नगर में सीसीटीवी कैमरों को स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट करने के लिए 21 हजार से अधिक कैमरों को चिन्हित किया गया है। इनमें 10 नगर निगम के स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) से इंटीग्रेशन के लिए 11544 कैमरों को चिन्हित किया गया है जबकि 7 नगर निगम के स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) से इंटीग्रेशन के लिए 7285 कैमरों को चिन्हित किया गया है। इसी तरह गौतमबुद्धनगर के आईसीसीसी से इंटीग्रेशन के लिए 3139 कैमरों की पहचान की गयी है। इनमें से नगर विकास द्वारा 10 नगर निगम के आईसीसीसी से 8940 कैमरों को इंटीग्रेट किया जा चुका है। इसी तरह पुलिस विभाग के अलावा स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से 10 नगर निगम के आईसीसीसी से 5684 कैमरों और 7 नगर निगम के आईटीएमएस से 1108 कैमरों को जोड़ा जा चुका है। ऐसे में कुल 15 हजार से अधिक सीसीटीवी को आईसीसीसी और आईटीएमएस से जोड़ा जा चुका है।

 

सबसे अधिक वाराणसी में 728 स्थान हॉट स्पॉट के सीसीटीवी के लिए किए गए चिन्हित
यूपी पुलिस ने सबसे अधिक गौतमबुद्धनगर में 3139 सीसीटीवी की पहचान की है जबकि दूसरे नंबर पर कानपुर में 3019, तीसरे नंबर पर मेरठ में 2120, चौथे नंबर पर गाजियाबाद में 1464 और पांचवें नंबर पर लखनऊ में 1461 सीसीटीवी की पहचान की है। इसी तरह महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों एवं दिव्यांगजनों के लिए एक सुरक्षित, संरक्षित एवं सशक्त वातावरण देने के लिए 2324 डार्क स्पॉट चिन्हित किये हैं। इनमें पहले नंबर पर गौतमबुद्धनगर में 322, दूसरे नंबर पर कानपुर में 268, तीसरे नंबर पर गाजियाबाद में 263, चौथे नंबर पर वाराणसी में 196 और पांचवें नंबर पर अलीगढ़ में 182 डार्क स्पॉट चिन्हित किये हैं। इसके अलावा यूपी पुलिस ने 4150 हॉट स्पॉट सीसीटीवी के लिए चिन्हित किये हैं। इनमें पहले नंबर पर वाराणसी में 728, दूसरे नंबर पर लखनऊ में 509, तीसरे नंबर पर कानपुर में 449, चौथे नंबर पर अलीगढ़ में 353 और पांचवें नंबर पर मेरठ में 316 हॉट स्पॉट स्थानों की सीसीटीवी के लिए पहचान की गयी है। वहीं यूपी-112 की ओर से पेट्रोलिंग के लिहाज से 1861 स्थानों की पहचान की गयी। इनमें सबसे ज्यादा लखनऊ में 299, दूसरे नंबर पर गोरखपुर में 190, तीसरे नंबर पर सहारनपुर 183, चौथे नंबर पर कानपुर और प्रयागराज में 173 और पांचवें नंबर पर मेरठ में 151 स्थानों की पहचान की गयी है। वहीं इन स्थानों पर पेट्रोलिंग के लिए 656 पीआरवी को लगाया गया है। इनमें सबसे ज्यादा लखनऊ में 87, दूसरे नंबर पर कानपुर 80, तीसरे नंबर पर गौतमबुद्धनगर 63, चौथे नंबर पर मेरठ में 51 और पांचवें नंबर पर गाजियाबाद में 50 पीआरवी को पेट्रोलिंग के लिए लगाया गया है।