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    वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कथित तौर पर ‘‘अश्लील” भोजपुरी गाना बजाए जाने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होने के बाद इसकी काफी आलोचना हुई, जिसके बाद आईआईटी प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।

    आईआईटी जनसंपर्क कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आईआईटी के जिमखाना मैदान में ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के समापन के बाद अध्यापक और कर्मचारीगण वहां से चले गए, तभी कुछ युवाओं ने ‘म्यूजिक सिस्टम’ को अपने मोबाइल फोन से जोड़ लिया, भोजपुरी गाने बजाए और नाचने लगे।

    उन्होंने बताया कि ‘‘अश्लील” गीत सुनते ही विभाग के कर्मचारियों ने तुरंत गीत बंद करवा दिया और युवकों को मैदान से बाहर कर दिया। संयुक्त रजिस्ट्रार राजन श्रीवास्तव ने बताया कि संस्थान ने घटना का संज्ञान लिया है और जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

    महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पूर्व प्राध्यापक अनिल उपाध्याय ने कहा कि आजादी के पर्व पर इस तरह से ‘‘अश्लील” गाने पर नाचना उचित नहीं है। उपाध्याय ने कहा , ‘‘बीएचयू का अपना एक गौरवपूर्ण इतिहास रहा है और बीएचयू प्रशासन को इस तरह की घटना नहीं होने देनी चाहिए थी।” (एजेंसी)