बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और उत्तराधिकारी दोनों पदों से अचानक हटा दिया है . इसके बाद मायावती के एक्शन को लेकर UP में सियासत गरमा चुकी है.
नई दिल्ली: जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया और इतना ही नहीं उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी अब वह वापस ले चुकी हैं। इसके बाद उत्तरप्रदेश में सियासत गरमा गई है। दरअसल आज यानी गुरुवार को आकाश ने मायावती के आदेश को सिर माथे से स्वीकर कर लिया। उन्होंने साथ ही यह भी दावा किया है कि, वे बहुजन समाज के लिए अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहेंगे।
आदरणीय बहन @mayawati जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं। आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताक़त मिली है जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है।
आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आपका आदेश सिर माथे पे।…
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) May 9, 2024
आज इस बाबत आकाश आनंद ने ‘X’ पर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आदरणीय बहन मायावती जी, आप पूरे बहुजन समाज के लिए एक आदर्श हैं, करोड़ों देशवासी आपको पूजते हैं। आपके संघर्षों की वजह से ही आज हमारे समाज को एक ऐसी राजनैतिक ताकत मिली है, जिसके बूते बहुजन समाज आज सम्मान से जीना सीख पाया है। आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आपका आदेश सिर माथे पर। भीम मिशन और अपने समाज के लिए मैं अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा।’
दरअसल इससे पहले मायावती ने पार्टी के अन्य नेताओं को आगे बढ़ाने का हवाला देते हुए आकाश आनंद पर कार्रवाई की बात की थी। उनका कहना था कि आकाश आनंद को नेशनल कोआर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, लेकिन पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूरी परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। इस पर मायावती के एक्शन के बाद राजनीतिक पार्टियों ने हैरानी जताई है। इस पर खुद समाजवादी पार्टी के नेता फखरुल हसन चांद ने संगीन आरोप लगाया कि BSP और BJP एक “अघोषित गठबंधन” में हैं और जिस तरह से आकाश आनंद को उनके पद से हटाया गया, उससे यह साबित हुआ है। लोग इसे देख सकते हैं और वे इसका भी करारा जवाब देंगे।
बताते चलें कि, बीते 28 अप्रैल को आकाश आनंद पर चार अन्य लोगों के साथ सीतापुर में एक चुनावी रैली में कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। माना तो यह भी जा रहा है कि, वे मायावती की लाइन से हटकर सियासी पिच तैयार करने की कोशिश की है।