Akhilesh Yadav and Yogi
अखिलेश यादव और योगी (File Pic)

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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अयोध्या (Ayodhya) में जमीन का सबसे ज्यादा ‘गोरखधंधा’ (Racketeering) किये जाने का आरोप लगाते बुधवार को दावा किया कि सरकार 14 कोसी और पंचकोसी मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान अपने मकान और जमीन गवां रहे लोगों को मुआवजा नहीं दे रही है।   

उन्होंने विधानसभा के मौजूदा बजट सत्र में प्रस्तुत राज्यपाल के अभिभाषण को भी सच्चाई से दूर करार देते हुए विभिन्न शासकीय नियुक्तियों में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों (पीडीए) की अनदेखी करने का आरोप लगाया। यादव ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान अयोध्या का जिक्र करते हुए आरोप लगाया, ‘‘अयोध्या से ज्यादा जमीन का गोरखधंधा कहीं और नहीं हुआ। सत्ता के संरक्षण में रजिस्ट्री में अनियमितताएं हुईं। कुछ मिनट में ही कुछ करोड़ कमा लिए गये।”   

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद अयोध्या राम पथ के निर्माण में नया घाट के सआदतगंज तक मुआवजे के नाम पर अधिकारियों ने भारी लूट की है। व्यापारियों और आम जन का शोषण हुआ। मैं जानता हूं वहां पर बहुत सारे प्रतिष्ठित लोग मुझसे आकर मिले थे।” यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, ”हवाई अड्डे के निर्माण में किसानों को जमीन का सही मुआवजा नहीं दिया गया। माझा-बरेठा, माझा-जमथरा में किसान परेशान हैं। 

तीन-चार पीढ़ियां से लोग रह रहे थे। सरकार उनकी जमीन का मुआवजा नहीं दे रही है। चौदह कोसी और पंचकोसी मार्ग के चौड़ीकरण की जद में जिन लोगों के मकान और जमीन आ रहे हैं, उनको सरकार मुआवजा नहीं दे रही है।” सपा अध्यक्ष ने चित्रकूट में भी ‘डिफेंस कॉरिडोर’ बनाने के लिये ली जा रही जमीन के एवज में किसानों को निर्धारित दर के मुकाबले पुरानी दर पर भुगतान किये जाने का भी आरोप लगाया।  

उन्होंने विभिन्न सरकारी नियुक्तियों में पीडीए को उपेक्षित किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘आईएएस, आईपीएस और आईएफएस में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की कितनी भागीदारी है? महिला आयोग में इन वर्गों की कितनी भागीदारी है? विश्वविद्यालयों की नियुक्तियों में कितनी हिस्सेदारी है। बांदा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की कुल भर्ती में पीडीए की भागीदारी सिर्फ तीन प्रतिशत है। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में पीडीए की भागीदारी शून्य है। आखिर पीडीए कहां जाए?” 

यादव ने सवाल किया कि ‘‘प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात करती है फिर महिलाओं के प्रति सबसे ज्यादा अपराध क्यों हो रहे हैं? देश में इस मामले में सबसे ऊपर उत्तर प्रदेश क्यों है? काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बहन के साथ क्या हुआ। इस मामले में जो लोग पकड़े गए हैं वे तीनों भाजपा की आईटी सेल के सदस्य हैं। मुख्यमंत्री के साथ उन तीनों की फोटो है।” उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं उनके समय में ‘जीरो लॉ एण्ड ऑर्डर’ की स्थिति है।”   

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर टिप्पणी करते हुए कहा नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ”इस अभिभाषण में बहुत सी बातें आई हैं। सरकार ने अपनी बहुत सी बातें इसमें रखवाई है जो सच्चाई से दूर हैं। यह जितना सच होना चाहिए था उतना नहीं दिखता है। जो सरकार लगातार 1000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात कर रही हो, अभी तक एक अरब असत्य बातें कहने के बावजूद 1000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक नहीं पहुंच पायी है।” उन्होंने कहा, ‘‘इस अभिभाषण के आखिरी में जिन बातों को कहा गया है कि उत्तर प्रदेश किस-किस चीज में नंबर एक है, वह सरकारी आंकड़े हैं।”   

यादव ने सरकार पर हमला करते हुए कहा, ”सबसे अधिक संख्या में कार्यवाहक डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) बनाने में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। आवारा पशुओं की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। झूठे प्रचार पर खर्च करने में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। अपने लोगों के मुकदमे हटाने में नंबर वन है। रोजगार मांगने वालों पर लाठी चलवाने में नंबर वन है।”  

उन्होंने दावा किया, ‘‘उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराधियों को बचाने में नंबर वन है। खड़ी फसल की अन्ना पशुओं द्वारा बर्बादी में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। दलित पिछड़ों के उत्पीड़न में और गरीबों का हक करने में नंबर वन है। लगी लगायी नौकरी छीनने में नंबर वन है। भूमाफिया को सत्ता का संरक्षण देने में नंबर वन है।” अखिलेश के मुताबिक, ‘‘उत्तर प्रदेश केंद्र और राज्य के टकराव में नंबर वन है। जनता को गुमराह करने में नंबर वन और पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों) को प्रताड़ित करने में भी यह सरकार नंबर वन है।”   

उन्होंने तंज कसते हुए, ‘‘अभिभाषण को पढ़कर लगता है कि सरकार तो इतनी रफ्तार से विकास कर रही है लेकिन आखिर यह दिखाई क्यों नहीं पड़ रहा है?” किसानों के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरते हुए यादव ने कहा, ‘‘जितने भी हमारे पुराने नेता रहे हैं उन्होंने समय-समय पर यही कहा कि अगर अर्थव्यवस्था को आगे ले जाना है तो हमारे किसानों की अर्थव्यवस्था को भी आगे ले जाना पड़ेगा लेकिन अगर आज हम जब पीछे मुड़कर देते हैं तो ‘डबल इंजन’ की सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। उसने खेती किसानी की लागत बढ़ा दी है।”   

उन्होंने कहा, ”मुझे याद है कोविड महामारी के समय यह बात रखी गई थी की बहुत बड़े पैमाने पर कृषि अवसंरचना के लिए एक लाख करोड़ रूपये मिलने जा रहे हैं। अगर इस अवसंरचना के लिए आपको पैसा मिला है तो वह कहां चला गया। अगर वह पैसा मिला था और पैसा लगा होता तो हमारे किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं हुई।” यादव ने कहा कि सरकार बताए कि उसका फार्मूला क्या है जिसकी वजह से और इसके लागू हो जाने से किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। 

उन्होंने आरोप लगाया उनके बच्चों की सेना में भर्ती रोक दी गई है। सेना की पक्की पेंशन वाली नौकरी खत्म कर दी गई।  उन्होंने भाजपा सरकार की अग्निवीर योजना पर भी तंज करते हुए कहा कि पहले सेना में उत्तर प्रदेश के 70 हजार सैनिकों की स्थाई भर्ती होती थी जिसमें 80 प्रतिशत लोग किसान, गरीब और पिछड़े वर्ग के होते थे। उससे गरीबों के जीवन में खुशहाली रहा करती थी।

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार ने अग्निवीर योजना इसलिए शुरू की है ताकि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक लोगों के यहां खुशहाली ना आने पाये। सपा अध्यक्ष ने अग्निवीर योजना के तहत भर्ती हुए जवानों के शहीद होने पर उन्हें समुचित सम्मान नहीं दिये जाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”अभिभाषण में जीने की सुगमता की बात की गई है। मैं इसे कैसे समझूं कि छह करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आ गए हैं। सरकार बताए कि किस-किस वर्ष में बहुआयामी गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम हुआ है।” यादव ने कहा कि बिना सबको साथ लिये सबका विकास संभव नहीं है। बिना जातिगत जनगणना के सामाजिक न्याय संभव नहीं है।

(एजेंसी)