Yogi Adityanath

    Loading

    प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court ) ने बड़ा झटका दिया है। अदालत ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत 18 अन्य पिछड़ी जातियों (Backward Castes) को अनुसूचित जाति (Scheduled Castes) की सूची में डालने की अधिसूचना जारी की गई थी। 

    मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे.जे. मुनीर की पीठ ने गोरखपुर की ‘डॉ बीआर आंबेडकर ग्रंथालाय एवं जन कल्याण समिति’ की ओर से दायर जनहित याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया। इस समिति ने 21 और 22 दिसंबर, 2016 और 24 जून, 2019 की अधिसूचना को चुनौती दी थी।

    उल्लेखनीय है कि, योगी सरकार ने 24 जून 2019 को कुम्हार, केवट, मल्लाह, धीमर, बाथम, कहार, कश्यप, भर, राजभर (Kumhar, Kevat, Mallah, Dhimar, Batham, Kahar, Kashyap, Bhar, Rajbhar) आदि समेत 18 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति (SC) सूची में शामिल करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। जिसे आज अदालत ने रद्द कर दिया है। 

    इससे पहले भी, साल 2005 में तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार और 2016 में सपा की अखिलेश यादव सरकार द्वारा भी इसी तरह की अधिसूचना को जारी किया गया था।लेकिन, अदालत ने इस फैसले के साथ इस संबंध में जारी सभी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया है।