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    नई दिल्ली. जहाँ पांच राज्यों के शुरुआत रुझान आना शुरू हो गया। वहीं अब उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), उत्तराखंड (Uttrkhand), गोवा (Goa), मणिपुर (Manipur)  और पंजाब (Punjab) में कोविड-19 दिशानिर्देश का पालन करते हुए आज यानी गुरुवार 10 मार्च सुबह 8:00 बजे से मतगणना शुरू हो गई है और दोपहर तक स्थिति स्‍पष्‍ट होने की संभावना है। बता दें किइन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव सात चरणों में 10 फरवरी से सात मार्च के बीच हुए थे।

    वहीं अब से कुछ देर में यह साफ़ हो जाएगा कि देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश की सत्ता अगले 5 साल तक किसके हाथ में रहने वाली है।   वैसे भी BJPने अपनी यहाँ अपनी सत्ता बचाने की जोरदार लड़ाई लड़ी है।   उतने ही दम से विपक्ष ने उसे सत्ता से हटाने के लिए चुनाव मैदान में भरपूर कोशिश की है।   आइए देखें  कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मायने राजनीतिक पार्टियों के लिए क्या-क्या हैं।  

    राष्ट्रीय राजनीति पर ऐसा होगा असर

    उत्तरप्रदेश चुनाव के नतीजों का असर देश की राजनीति पर तो पड़ेगा ही, इसका सबसे अधिक असर BJP की राष्ट्रीय राजनीति पर पड़ेगा। जहाँ अब से ठीक दो साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार अपनी सरकार बनाने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगे।  पता हो कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक सांसद भेजने वाला राज्य है।   

    ऐसे में यहाँ BJP को मिलने वाली जीत या हार का असर उसके मिशन-2024 पर जरुर से पड़ेगा।   इसीके चलते चुनाव की घोषणा से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तरप्रदेश में अत्यधिक सक्रिय हो गए थे।   वो एक दर्जन से अधिक  कार्यक्रमों में शामिल हुए थे।   चुनाव के दौरान भी वो लगातार रैलियां भी करते रहे।   वो अंतिम चरण के मतदान के दौरान अपने चुनाव क्षेत्र वाराणसी में तो स्वयं ही 3 दिन तक डटे रहे।  

    UP में अगर BJP जीती तो 

    • वो देश के दूसरे राज्यों में अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर तेजी से आगे बाधा सकेगी।  
    • सीएम योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व के सबसे बड़े ध्वजवाहक बनेंगे।  
    • BJP की जीत से निश्चित रूप से उनका कद बढ़ेगा और छवि मजबूत होगी।  
    • बीजेपी की जीत योगी आदित्यनाथ के देश ले प्रधानमंत्री बाने की महत्वाकांक्षा को बल देगी।  

    UP चुनाव नतीजों अगर विपक्ष के पक्ष में आए तो 

    • अगर विपक्ष जीतता है तो केंद्र की सत्ता से बीजेपी को हटाने की उसकी लड़ाई मजबूत होगी।  
    • ममता बनर्जी, के चंद्रशेखर राव और एमके स्टालिन कि सक्रियता और बढ़ेगी।  
    • इन नतीजों से समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस का भविष्य भी निश्चित रूप से तय होगा।  
    • अगर कांग्रेस उत्तरप्रदेश में अच्छा प्रदर्शन करती है तो अध्यक्ष के चुनाव में राहुल गांधी की दावेदारी और भी मजबूत होगी।