Supreme Court
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 28 अप्रैल को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया। पुलिस की मौजूदगी में अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति (independent expert committee) गठित करने की मांग वाली याचिका को 28 अप्रैल को सूचीबद्ध करने के लिए सहमत है।

दूसरी ओर प्रयागराज में अतीक अहमद के दफ्तर में पुलिस को जांच के दौरान खून के धब्बे और चाकू मिला है। पुलिस तेजी से मामले की जांच में जुटी है। सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद (60) और उसके भाई एवं पूर्व विधायक अशरफ की 15 अप्रैल की रात को मीडिया से बातचीत के दौरान तीन हमलावरों ने नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी थी।

दायर याचिका में 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में हुई 183 मुठभेड़ों की जांच कराने का भी अनुरोध किया गया है। अब 28 अप्रैल को इसे सूचीबद्ध किया जाएगा। जज ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के कुछ न्यायाधीश कोरोना वायरस से संक्रमित हैं जबकि कुछ अन्य वजहों से उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए सुनवाई की तारीख दी गई है।  

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल में कहा था कि उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के छह साल में मुठभेड़ों में 183 कथित अपराधियों को मार गिराया जिनमें अतीक अहमद का बेटा असद और उसका साथी भी शामिल हैं। मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) के बयान के मुताबिक 2017 के बाद से 183 मुठभेड़ हुई हैं। इन मुठभेड़ों और अतीक तथा अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी पूर्व न्यायाधीश की अगुवाई में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन कर कानून के शासन की रक्षा के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया जाता है।